छोटेलाल खरवार के जाति प्रमाण पत्र पर सवाल, लटकी लोकसभा की सदस्यता पर तलवार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम को दिया निर्देश
10 सप्ताह में जांच करके करनी है कार्रवाई
छोटेलाल खरवार के जाति प्रमाण पत्र की होगी जांच
रॉबर्ट्सगंज सुरक्षित सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद बने छोटेलाल खरवार के फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव लड़ने के आरोप के बारे में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चंदौली के जिलाधिकारी को 10 सप्ताह के भीतर जांच पड़ताल करके मामले को निर्धारित करने का आदेश दिया है। हालांकि अदालत के द्वारा चुनावी हलफनामे में तथ्यों को छुपाए जाने के मामले में उन्हें पहले भी नोटिस जारी करके जवाब तलब किया जा चुका है।
जानकारी में बताया जा रहा है कि अनुसूचित जनजाति के होने के बावजूद उन्होंने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र लगाकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रॉबर्ट्सगंज सीट से चुनाव लड़ा था। चंदौली में खरवार जाति को अनुसूचित जाति में गिना जाता है, जबकि सोनभद्र जिले में इस अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है। खरवार का स्थाई पता सोनभद्र होने के बावजूद उन्होंने चंदौली जिले के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को लगाकर चुनाव लड़ा था और चुनावी जीत हासिल की थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चंदौली जिले के जिलाधिकारी को सभी तथ्यों की जांच करके 10 सप्ताह के भीतर फैसला सुनाने का निर्देश दिया है।
इसके पहले अपना दल एस की प्रत्याशी रिंकी ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके छोटे लाल खरवार के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की थी, जिस पर हाई कोर्ट में सांसद से जवाब मांगा था। अगर जांच पड़ताल में छोटे लाल की जाति का प्रमाण पत्र गलत पाया जाता है तो उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द की जा सकती है और उनके राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल उठ सकता है।