ADO समाज कल्याण बनकर काम करता है सफाईकर्मी, देखिए शहाबगंज ब्लॉक का हाल
 

सफाईकर्मी राकेश कुमार किसके आदेश पर एडीओ समाज कल्याण बनकर वृद्धा, विधवा व शादी अनुदान का फार्म जमा करतें और उनके कार्यों को करता है..ब्लॉक में यह कोई बताने वाला कोई नहीं है। 
 

ADO की कुर्सी पर बैठता है सफाईकर्मी

एडीओ समाज कल्याण ने दे रखी है फुल पॉवर

गांव में झाड़ू लगाने के नाम पर दिखाता है रोब

कुर्सी पर बैठ साहब की तरह अकड़ता है सफाईकर्मी  

चंदौली जिले के शहाबगंज ब्लॉक में ब्लॉक कार्यालय में तैनात सफाईकर्मियों की महिमा अपरंपार है और वह मौका मिलते ही अफसरों की कुर्सी पर बैठकर साहब बन जाते हैं और उनकी तरह ही काम काज निपटाते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार को एडीओ समाज कल्याण के कार्यालय में दिखा, जहां उनकी कुर्सी पर बैठकर एक सफाईकर्मी सरकारी कामकाज निपटाते देखा गया।

शहाबगंज विकास खण्ड में एडीओ समाज कल्याण के कुर्सी पर मंगलवार को एक सफाई कर्मी बैठकर विभागीय कार्य सम्पन्न कराता नजर आया। वह अपनी नियुक्ति वाले गांव में कभी नहीं जाता है और ब्लॉक के अफसरों के काम करके अपनी तनख्वाह पा जाता है।

आपको याद होगा कि सफाईकर्मियों की नियुक्ति बसपा सरकार में गांव की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए हुई थी। लेकिन समय बिताने के साथ सफाई कर्मियों की रुचि साफ सफाई करने से कम होने लगी। वहीं कुछ सफाई कर्मी अधिकारियों की परिक्रमा लगाकर कार्यालयों में अटैच होकर कार्य करने लगे हैं। जो शासनादेश की घोर अवहेलना है। 

इसी प्रकार का नजारा खण्ड विकास कार्यालय के एडीओ समाज कल्याण के टेबल पर देखने को मिला, जहां ठेकहां ग्राम पंचायत में नियुक्त सफाई कर्मी राकेश कुमार कुर्सी पर बैठकर कार्य करता हुआ दिखाई दिया। वृद्धा, विधवा, दिव्यांग पेंशन व सामूहिक शादी के पत्रावली को देखता नजर आया। वहीं पेंशन नही मिलने की  समस्या को लेकर आने वाले ग्रामीणों को फटकारते नजर आया। जबकि समाज कल्याण के पद पर राजकुमार चौधरी की नियुक्ति की गयी। लेकिन वह अपने स्थान पर अपना कार्यभार इसे ही सौंपकर मनमाने अंदाज में नौकरी करते हैं। उनके कार्यालय आने व जाने का कोई समय नहीं है। उनकी गैर मौजूदगी में बाकायदे सफाईकर्मी ही एडीओ समाज कल्याण बनकर काम करता है। इसीलिए वह अपने नियुक्ति वाले गांव में कभी झाड़ू लगाने के लिए नहीं जाता है।

सफाईकर्मी राकेश कुमार किसके आदेश पर एडीओ समाज कल्याण बनकर वृद्धा, विधवा व शादी अनुदान का फार्म जमा करतें और उनके कार्यों को करता है..ब्लॉक में यह कोई बताने वाला कोई नहीं है। 

इस सम्बन्ध में जिले के डीपीआरओ साहब तोते की तरह रटा रटाया जवाब देते हैं कि जिले में किसी सफाईकर्मी को कहीं संबद्ध नहीं किया जाता है। इस मामले में भी डीपीआरओ ब्रह्मचारी दुबे ने बताया कि इनकी तैनाती शहाबगंज विकास खण्ड के एक गांव में की गई है।  किसी कार्यालय से अटैच नहीं किया गया हैं। अगर इस तरह की शिकायत मिली है, तो उनके खिलाफ  कार्रवाई की जाएगी।