पुलिस जांच में अफवाह की पुष्टि, सकलडीहा कोतवाली में 150 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज 
 

पुलिस ने इस गंभीर घटना को लापरवाही से नहीं लिया है और तत्काल कार्रवाई करते हुए लगभग डेढ़ सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
 

'बच्चा चोर' की अफवाह पर साधुओं से मारपीट का मामला

सकलडीहा पुलिस ने 150 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की

अफवाहों को फैलाने वालों और हिंसा करने वाली भीड़ पर होगी सख्त एक्शन

चंदौली जनपद के सकलडीहा थाना क्षेत्र स्थित नोनार गांव के तुलसी आश्रम में दो दिन पूर्व एक बेहद संवेदनशील घटना सामने आई, जिसने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। साधु के भेष में भिक्षाटन करने आए एक व्यक्ति को गांव के कुछ लोगों ने 'बच्चा चोर' समझ लिया और देखते ही देखते यह बात अफवाह बनकर फैल गई।

अफवाह फैलते ही मौके पर लगभग डेढ़ सौ लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई और उन्होंने साधु के साथ मारपीट की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और तत्काल कार्रवाई शुरू की गई।

पुलिस जांच में अफवाह की पुष्टि
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि साधु के भेष में आए व्यक्ति के पास से कोई आपत्तिजनक वस्तु या ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि वह वास्तव में बच्चा चोर था। पुलिस ने पुष्टि की है कि यह घटना महज अफवाह का परिणाम थी जिसे कुछ अराजक तत्वों ने फैलाया।

इस प्रकार की हिंसा न केवल कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा है, बल्कि किसी निर्दोष व्यक्ति के साथ भीड़ द्वारा की गई मारपीट समाज के लिए भी एक चिंताजनक संकेत है।

150 अज्ञात लोगों पर संगीन धाराओं में मुकदमा
पुलिस ने इस गंभीर घटना को लापरवाही से नहीं लिया है और तत्काल कार्रवाई करते हुए लगभग डेढ़ सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इन धाराओं में अफवाह फैलाना, मारपीट करना, और शांति भंग करना शामिल हैं।

सकलडीहा थाना अध्यक्ष दिलीप श्रीवास्तव ने इस संबंध में बताया कि दो साधु वेशधारियों को बच्चा चोर की अफवाह फैलाकर पीटा गया था। उन्होंने कहा, "इस मामले में मारपीट और अफवाह फैलाने जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच में नाम का खुलासा होते ही कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"

पुलिस की ग्रामीणों से अपील
अधिकारियों ने गांववासियों से सख्त अपील की है कि वे किसी भी तरह की अपुष्ट सूचना या सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों पर भरोसा न करें। पुलिस ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी सीधे स्थानीय पुलिस को दें और कानून को अपने हाथ में न लें।

पुलिस का कहना है कि वे ऐसी अफवाहों को फैलाने वालों और हिंसा करने वाली भीड़ दोनों के खिलाफ कठोर रुख अपनाएगी ताकि समाज में शांति और व्यवस्था बनी रहे।