रामकिशुन व मनोज सिंह डब्लू सैयदराजा नगर पंचायत क्षेत्र में इसलिए लगा रहे हैं जोर
 

शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने सैयदराजा नगर पंचायत के क्षेत्र जनसंपर्क किया पार्टी के प्रत्याशी के वोट मांगा। इस दौरान उनके साथ पूर्व जिला अध्यक्ष बलिराम यादव भी मौजूद रहे। 
 

यदराजा नगर पंचायत क्षेत्र में चुनाव प्रचार

पार्टी की प्रत्याशी मजिदुन बेगम के लिए प्रचार

पहले जीत चुकी है समाजवादी पार्टी यह सीट

2012 में सपा के खाते में गयी थी ये सीट

चंदौली जिले की सैयदराजा नगर पंचायत क्षेत्र में समाजवादी पार्टी पूरे मनोयोग से अपना चुनाव प्रचार कर रही है। इसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी पार्टी की प्रत्याशी मजिदुन बेगम के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं और वोट मांग रहे हैं समाजवादी पार्टी को यह उम्मीद है कि वह सैयदराजा नगर पंचायत की सीट पर भारतीय जनता पार्टी को कड़ी टक्कर दे सकती है। 2012 में  जब यह सीट सामान्य घोषित हुई थी तब समाजवादी पार्टी के टिकट पर इम्तियाज खान पप्पू चेयरमैन बन चुके हैं। इसलिए इस सीट पर समाजवादी पार्टी जोर लगा रही है।

 नगर पंचायत की सीट पर समाजवादी पार्टी पहले भी परचम लहरा चुकी है। इसलिए समाजवादी पार्टी के नेता अन्य नगर पंचायत सीटों की अपेक्षा इस सीट पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने सैयदराजा नगर पंचायत के क्षेत्र जनसंपर्क किया पार्टी के प्रत्याशी के वोट मांगा। इस दौरान उनके साथ पूर्व जिला अध्यक्ष बलिराम यादव भी मौजूद रहे। 

वहीं सैयदराजा नगर पंचायत इलाके में सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू पार्टी के वर्तमान जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर भी काफी सक्रिय देखे जा रहे हैं। दोनों नेता साथ में जनसंपर्क करने के अलावा अपने अपने खेमे के समर्थकों के साथ बैठक कर रहे हैं और पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बने माहौल को भुनाना चाहती है। साथ ही भाजपा के अंदर टिकट बंटवारे में उठी अंदरुनी कलह के साथ साथ भाजपा प्रत्याशी पति के नकारात्मक छवि को भुनाने की कोशिश करना चाह रही है।


ऐसा है सैयदराजा नगर पंचायत का इतिहास
 चंदौली जिले की सैयदराजा नगर पंचायत का गठन 1971 में हो गया था, लेकिन 1989 में इस सीट पर अध्यक्ष का चुनाव होना शुरू हुआ। सन 1989 में यह सीट सामान्य सीट के रूप में घोषित की गई तब इसरार अहमद किस पद पर अध्यक्ष के रूप में चुनाव जीतकर पहली बार निर्वाचित अध्यक्ष बने। 1995 में सैयदराजा नगर पंचायत की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गई तो मदन प्रसाद कुशवाहा ने चुनाव जीता। 2000 में एक बार फिर यह सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए सुरक्षित की गई तब अरविंद कुमार चेयरमैन बने थे। इसके बाद 2006 में जब इसका चुनाव हुआ तो यहां पर शंकर प्रसाद जायसवाल विजयी हुए।

 2012 में एक बार फिर यह सीट सामान्य घोषित हुई तब समाजवादी पार्टी के टिकट पर इम्तियाज खान पप्पू चेयरमैन बने। 2017 में यह सीट ने पिछड़ा वर्ग के लिए सुरक्षित हुयी तब भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार यहां पर अपना परचम लहराया और वीरेंद्र जायसवाल भारतीय जनता पार्टी के चेयरमैन के रूप में नगर पंचायत सैयदराजा में काबिज हुए।