गर्मी में 91 विद्यालयों में बिना पंखे के ही पढ़ेंगे बच्चे, गर्मी में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे
परिषदीय विद्यालयों में बिजली कनेक्शन तक नहीं
गर्मी से बच्चे होते हैं परेशान
जिले भर के 91 स्कूलों का ये है हाल
चंदौली जिले में दावे तो स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर सुविधा देने का किए जाते हैं, लेकिन हकीकत में परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे स्कूलों में इस गर्मी में कैसे पढ़ते हैं, उनसे बेहतर कोई नहीं जान सकता। आज भी जिले के 91 स्कूलों में न तो पंखा है और न ही बिजली।
आपको बता दें कि ऐसे में बच्चे इस भीषण गर्मी में पढ़ने को मजबूर हैं। यह स्थिति पिछले 20 वर्षों से जस की तस बनी है। यह आलम तब है जब कायाकल्प के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं।
बताते चलें कि प्रदेश के आकांक्षात्मक जिले चंदौली में कुल 1185 परिषदीय विद्यालय हैं। जिसमें दो लाख आठ हजार बच्चे पढ़ते हैं। मिशन कायाकल्प के तहत जिले के विद्यालयों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। आलम यह है कि अभी तक जिले के 91 ऐसे विद्यालय हैं, जहां बिजली का कनेक्शन ही नहीं है। बिजली न होने से न तो वहां लाइट जल पाती है और ना ही पंखे आदि चल पाते हैं।
इस संबंध में चंदौली जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि 91 विद्यालयों में बिजली का कनेक्शन नहीं हो पाया है। इनमें से 43 विद्यालयों में बिजली कनेक्शन के लिए पैसे आवंटित किए जा चुके हैं। यहां जल्द ही बिजली का कनेक्शन हो जाएगा। बचे विद्यालयों में भी जल्द ही बिजली का कनेक्शन कराने का प्रयास है।
सोलर पैनल चोरी
चंदौली जिले के टांडाकला ग्राम सभा स्थित कंपोजिट विद्यालय फर्स्ट के बच्चों के क्लास रूम में पंखा लगाया गया है। लेकिन चल नहीं रहा। प्रधानाध्यापक राम अवध वर्मा ने बताया कि सोलर पैनल चोरी हो गया था। लेकिन अभी तक लगाया नहीं गया है कंपोजिट विद्यालय सेकंड में बिजली रहती है तो पंखा चलता है सौर ऊर्जा नहीं लगा है। सोनबरसा ग्राम सभा में प्राथमिक विद्यालय में बिजली कनेक्शन तो लिया गया है। लेकिन विद्यालय पर बिजली पहुंच नहीं पाई है।
तार टूटने से नहीं पहुंचती बिजली
महमदपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में बिजली का कनेक्शन 400 मीटर दूर किसान के खेत से लाया गया है। बीच से वायर बराबर टूट जाने से बिजली नहीं आ पाती है। प्रधानाध्यापक का कहना है कि चार खंबे विद्युत विभाग के तरफ से लग जाए तो बराबर विद्यालय में बिजली बनी रहेगी जिससे पंखे हमेशा चालू रहेंगे। महान अशोक प्रारंभिक प्राविधिक विद्यालय टांडा कला के विद्यालय में पंखे ना होने से बच्चों को उमस भरी गर्मी में ही पढ़ाई करनी पड़ रही है।