सावधान.. शहाबगंज के इस व्यस्त मार्ग पर खुला है मौत का गड्ढा, राहगीर और छात्र हो रहे चोट के शिकार

 

शहाबगंज के व्यस्त गांधी स्मारक इंटर कॉलेज मार्ग पर नाली का ढक्कन टूटने से राहगीरों की जान जोखिम में है। अंधेरे और बारिश में यह गड्ढा दिखाई न देने से छात्र और वाहन चालक लगातार गिरकर चोटिल हो रहे हैं।

 
 

गांधी स्मारक इंटर कॉलेज के पास दुर्घटना की संभावना

नाली का ढक्कन क्षतिग्रस्त होने से बढ़ी समस्या

स्कूल जाने वाले छात्रों को हमेशा रहता है खतरा

प्रशासन से मरम्मत कराने की हो रही है मांग

चंदौली जनपद के शहाबगंज कस्बे में प्रशासनिक संवेदनहीनता का एक बड़ा नमूना देखने को मिल रहा है। कस्बे के सबसे व्यस्ततम इलाकों में से एक, गांधी स्मारक इंटर कॉलेज तिराहे के समीप नाली का ढक्कन पिछले कई दिनों से क्षतिग्रस्त होकर टूट चुका है। यह तिराहा मुख्य मार्ग होने के कारण यहाँ से दिन-रात सैकड़ों वाहन चालक, ग्रामीण और राहगीर गुजरते हैं। टूटे हुए ढक्कन के कारण नाले का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से खुला हुआ है, जो राहगीरों और विशेष रूप से दोपहिया वाहन चालकों के लिए किसी गंभीर दुर्घटना का इंतजार कर रहा है।

छात्रों की सुरक्षा पर मंडराता बड़ा खतरा
इस मार्ग की संवेदनशीलता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि यहाँ पास में ही गांधी स्मारक इंटर कॉलेज स्थित है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं इसी रास्ते से पैदल या साइकिल से स्कूल आते-जाते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बच्चे अक्सर खेल-कूद या बातचीत में मशगूल होकर चलते हैं, जिससे उनका ध्यान इस गहरे और खुले नाले की ओर नहीं जाता। यदि समय रहते इस टूटे हुए ढक्कन को दुरुस्त नहीं किया गया, तो किसी भी दिन कोई मासूम इस लापरवाही का शिकार हो सकता है। अब तक कई लोग इस खुले नाले के कारण गिरते-गिरते बचे हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग आँखें मूंदे बैठा है।

अंधेरे और बारिश में बढ़ जाती है मुसीबत
क्षेत्रीय नागरिकों के अनुसार, दिन के उजाले में तो यह खतरा किसी तरह नजर आ जाता है, लेकिन रात के समय स्थिति अत्यंत भयावह हो जाती है। तिराहे पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था न होने के कारण वाहन चालकों को खुले नाले का अंदाजा नहीं मिल पाता। वहीं, बारिश के मौसम में जब सड़कों पर जलजमाव होता है, तब यह टूटा हुआ हिस्सा पानी के नीचे छिप जाता है, जो किसी भी राहगीर के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। विडंबना यह है कि इतना समय बीत जाने के बाद भी संबंधित विभाग ने यहाँ न तो कोई चेतावनी बोर्ड लगाया है और न ही मरम्मत का कार्य शुरू कराया है।

विभाग की जवाबदेही पर उठे गंभीर सवाल
इस अव्यवस्था ने ग्राम पंचायत और लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय नागरिकों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन शायद किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है। बार-बार शिकायत के बावजूद अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जाना जनसमस्याओं के प्रति उनकी उदासीनता को दर्शाता है। कस्बे के प्रबुद्ध नागरिकों और व्यापारियों ने जिलाधिकारी और संबंधित विभाग से मांग की है कि इस समस्या का शीघ्र संज्ञान लेकर क्षतिग्रस्त ढक्कन को बदला जाए, ताकि भविष्य में होने वाली किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।