चकिया में एक करोड़ 70 लाख होगा खर्च,  सिंचाई विभाग की कॉलोनी का हो रहा है कायाकल्प
 

चकिया नगर के वार्ड नंबर पांच मां काली नगर में स्थित चंद्रप्रभा प्रखंड सिंचाई विभाग की कॉलोनी का जीर्णोद्धार एक करोड़ 70 लाख से जारी है।
 

चौथे और पांचवें उपखंड का बन रहा नया कार्यालय

पेयजल-इंटरलॉकिंग का कार्य तेजी से

जल्द चेक होनी चाहिए काम की गुणवत्ता

चंदौली जिले के चकिया नगर के वार्ड नंबर पांच मां काली नगर में स्थित चंद्रप्रभा प्रखंड सिंचाई विभाग की कॉलोनी का जीर्णोद्धार एक करोड़ 70 लाख से जारी है। ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच चुके चतुर्थ और पंचम उपखंडों के कार्यालय का भी दोबारा निर्माण किया जा रहा है। वायरिंग, बाउंड्रीवॉल, पेयजल सिस्टम, जल निकासी, गेट निर्माण, पार्क की नई व्यवस्था से कॉलोनी का कायाकल्प हो रहा है। इसके लिए कार्रदायी संस्था की ओर से राजमिस्त्री व मजदूरों को लगाया गया है।

आपको बता दें कि वर्ष 1962 में चंद्रप्रभा प्रखंड के कार्यालय के रूप में स्थापित इस कॉलोनी में चंद्रप्रभा प्रखंड प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ और पंचम उपखंडों का कार्यालय, जिलेदार और सहायक अभियंता और अवर अभियंता के आवास बनाए गए थे। चतुर्थ श्रेणी और तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के भी आवास यहां बने हैं। इसी परिसर में वर्तमान में बंधी डिवीजन का भी कार्यालय स्थित है। वर्ष 2008 में चंद्रप्रभा प्रखंड का मुख्यालय चकिया से हटाकर पीडीडीयू नगर कर दिया गया। 


बताते चलें कि चंद्रप्रभा प्रखंड के कुल पांच उपखंडों में से चार उपखंडों के कार्यालयी जिलेदारी यहां आज भी संचालित है। तृतीय उपखंड का कार्यालय चंदौली में स्थित है। अभियंताओं के भवनों के जर्जर होने के कारण अब कॉलोनी में अभियंता नहीं रहते। वे वाराणसी में रहकर कार्य का संचालन करने के लिए यहां आते हैं। 


वर्ष 2023 में सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने इस कॉलोनी का निरीक्षण क्षेत्रीय विधायक कैलाश आचार्य के आग्रह पर कॉलोनी के जीर्णोद्धार का वादा किया था। जिसके तहत एक करोड़ 70 लाख की धनराशि विधायक के प्रयासों से स्वीकृत की गई है। इस धन से सिंचाई कॉलोनी परिसर की बिल्डिंग की मरम्मत पंचम और चतुर्थ उपखंडों के कार्यालय भवन का निर्माण, भवनों में वायरिंग पेयजल सिस्टम, परिसर में इंटरलॉकिंग गेट निर्माण, पार्क निर्माण सहित अभियंताओं के भवनों के मरम्मत जैसे कार्य कार्यदायी संस्था की ओर से जारी हैं।

इस संबंध में अधिशासी अभियंता सर्वेशचंद्र सिन्हा ने कहा कि कार्यदायी संस्था को सभी कार्यों में पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। कार्यों में गुणवत्ता खराब होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।