इन सवालों का जवाब न दे पाने पर नप गए चकिया के कोतवाल नागेंद्र प्रताप सिंह
 

 

चंदौली जिला की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस लाइन में  अपराध की समीक्षा बैठक के दौरान विवेचना में लापरवाही बरते जाने के कारण चकिया कोतवाल नागेंद्र प्रताप सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि बैठक में कई सवालों के सही जवाब न दे पाने व कई जरूरी कार्यों में लापरवाही बरतने के साथ साथ पेंडिंग मामलों के बारे में सही जानकारी न दे पाने के कारण कोतवाल नागेंद्र प्रताप सिंह पर गाज गिरी है। 

 बताया जा रहा है कि जिले के चकिया कोतवाल नागेंद्र प्रताप सिंह अपराध की समीक्षा बैठक में विवेचना में लापरवाही, वारंटियों की गिरफ्तारी तथा जनपद में सबसे ज्यादा पेंडिंग विवेचनाओं में चकिया कोतवाल का नाम होने के कारण उन्हें मीटिंग में ही एसपी ने लाइन में आमद कराने की बात कह दी और उन्हें तत्काल प्रभाव से पुलिस अधीक्षक द्वारा लाइन हाजिर किया गया है। 

मीटिंग में लापरवाही पर सीधी कार्रवाई से कई थाना प्रभारियों व कोतवाल को एक संदेश मिल गया है कि अब सारे प्रभारियों को अपनी कार्यशैली बदलनी होगी नहीं तो कभी भी किसी पर गाज गिर सकती है। जिले के कई कोतवाल व थाना प्रभारी अपनी कार्यशैली को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं।

चकिया के स्थानीय लोगों का कहना थी कि वह अपने थाने में आने वाले मामलों को दबाए रखने में ज्यादा भरोसा रखते थे और कई बार मातहतों को भी इसके लिए कह नहीं पाते थे। 

एक फरियादी ने कहा कि जब वह अपनी जांच रिपोर्ट पेंडिंग रहने की बात कही तो साहब भड़क गए और बोले कि मैं कागज खा गया हूं क्या..। कुछ ऐसी ही आदतों और शिकायतों के चलते कोतवाल अब लाइन में पहुंच गए हैं।