विशेष सचिव देखकर चले गए चंदौली की नवीन मंडी समिति का हाल, दे पाए केवल दिशा निर्देश 
 

चंदौली में किसानों का समाधान करने नहीं केवल दौरा करने आ रहे हैं अफसर, सारे विधायकों को मालूम है क्यों परेशान हैं किसान..कैसे सक्रिय हैं दलाल व बिचौलिया

 

विशेष सचिव देखकर चले गए चंदौली की नवीन मंडी समिति का हाल

दे पाए केवल दिशा निर्देश 
 

 
चंदौली में किसानों का समाधान करने नहीं केवल दौरा करने आ रहे हैं अफसर, सारे विधायकों को मालूम है क्यों परेशान हैं किसान..कैसे सक्रिय हैं दलाल व बिचौलिया


चंदौली जिले में धान खरीद को लेकर हो रही भारतीय जनता पार्टी की सरकार की किरकिरी और अधिकारियों के मनमाने रवैए की वजह से आगामी विधानसभा चुनाव में पड़ने वाले दुष्प्रभाव को भागते हुए भारतीय जनता पार्टी की सरकार के आला अधिकारियों ने भी मामले का संज्ञान लेना शुरू कर दिया है। इसी बात को देखते हुए प्रदेश सरकार के विशेष सचिव ओमप्रकाश वर्मा शनिवार को चंदौली जिले की मंडी समिति में आज धमके और उन्होंने नवीन मंडी के कई धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया है। साथ ही साथ खरीद में हो रही गड़बड़ी की शिकायत कर रहे किसानों के खिलाफ कार्यवाही के बारे में भी जानकारी ली। साथ ही लेखपालों व पुलिस की तैनाती में खरीदारी कराने की बात कही।

 आपको बता दें कि चंदौली जनपद में धान खरीद की सुस्त रफ्तार और बार-बार नियमों में बदलाव की वजह से चंदौली जिले के किसान काफी आक्रोशित हैं और अबकी बार इसका प्रभाव विधानसभा चुनाव पर भी पड़ने वाला है। इसी को भांपते हुए कई सत्तापक्ष के विधायक गुपचुप तरीके से अधिकारियों से बैठकर तो कर रहे हैं, लेकिन धान खरीद केंद्रों तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। सत्ता पक्ष के विधायक होने के कारण वह सरकार की गलत नीतियों या अधिकारियों के मनमाने रवैए पर भी खुलकर बोलने में संकोच कर रहे हैं। कई विधायक इस समय अपना टिकट कटने को भी लेकर सशंकित हैं इसलिए वह ना तो सरकार पर कोई टीका टिप्पणी करना चाहते हैं और न ही कोई ऐसा काम करना चाहते हैं, जिससे पार्टी में उनकी किरकिरी हो।

 इसी चक्कर में वह नेता किसानों की नजर में विलेन भी बनते जा रहे हैं। किसानों को ऐसा महसूस होने लगा है कि चंदौली जिले के सत्तापक्ष के विधायक केवल दिखावे के तौर पर किसानों के हमदर्द बने हुए हैं। वह किसानों की मूल समस्याओं के प्रति उदासीन हैं। सभी विधायकों को धान खरीद में होने वाली गड़बड़ी और बिचौलियों की भूमिका के बारे में जानकारी है, लेकिन वह कुछ खास कारणों से इस समस्या का समाधान नहीं करवा पा रहे हैं। इसकी वजह से किसान परेशान हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने की तैयारी कर रहे हैं।

 आपको बता दें कि चंदौली जनपद में किसान अधिकारियों के रवैया से आकर्षित होकर कई बार उप विपणन अधिकारी अनूप कुमार श्रीवास्तव का घेराव करने के साथ ही साथ चंदौली जिले के नेशनल हाईवे को जाम कर चुके हैं। इस दौरान अधिकारी मनमाने तरीके से झूठा आश्वासन देकर किसानों को शांत कराने की कोशिश कर तो देते हैं, लेकिन किसानों के सवालों का सही तरीके से जवाब किसी के पास नहीं है।

 अब इस मामले में जिलाधिकारी ने साफ कर दिया है कि किसी भी किसान की धान की खरीद तभी होगी जब उसके पास ऑनलाइन टोकन होगा। ऐसी स्थिति में किसानों को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए खुद ही तैयार रहना है। इसमें शासन प्रशासन उनकी किसी भी तरीके से कोई मदद नहीं करेगा। 

किसानों को एक टोकन पर अधिकतम धान खरीद की सीमा निर्धारित किए जाने से भी नाराजगी है और इसके लिए कई राजनेता अपने स्तर से अलग अलग तरीके से बयान दे चुके हैं, लेकिन अभी तक इस मामले पर फैसला नहीं हो पाया है। ताजा जानकारी के अनुसार के एक टोकन पर केवल 60 कुंटल की ही खरीद की जाएगी, जिससे बड़े किसानों व काश्तकारों में काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि अगर उन्हें अपना 400 से 500 कुंटल धान बेचना है तो उनकी कितनी बार ऑनलाइन टोकन लेना पड़ेगा और कितने महीने तक क्रय केन्द्र के चक्कर काटने होंगे।