सूबेदार मेजर सुरेश यादव की ड्यूटी के दौरान शहीद, एक सप्ताह पूर्व ही मिला था प्रमोशन

ग्रामीणों ने बताया कि सूबेदार मेजर सुरेश यादव काफी खुश मिजाज और जिंदादिल इंसान थे। जब भी छुट्टियों में गांव आते युवाओं में देश सेवा की अलख जगा जाते थे।
 

मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले थे सूबेदार मेजर सुरेश यादव

परिवार में मचा कोहराम

ड्यूटी के दौरान हादसे में हुई मौत

चंदौली जिले के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के बहादुरपुर गांव निवासी सूबेदार मेजर सुरेश यादव की ड्यूटी के दौरान एक हादसे में मौत हो गई। घटना जानकारी होते ही परिवार में कोहराम मच गया है। वहीं इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचने की उम्मीद बतायी जा रही है।
बहादुरपुर गांव के सूबेदार मेजर सुरेश यादव की मौत की खबर सुनकर उनके घर पर स्थानीय लोगों के साथ साथ रिश्तेदारों का जमावड़ा शुरू हो गया। सुरेश यादव सेना के ईएमई बटालियन में गुवाहाटी में तैनात थे।

आपको बता दें कि पड़ाव क्षेत्र के बहादुरपुर निवासी सुरेश यादव वर्ष 1996 में सेना में भर्ती हुए थे। कुछ दिनो पहले ही सूबेदार के पद से पदोन्नति पाकर सुबेदार मेजर बने थे। पदोन्नति के बाद 7 दिन की छुट्टी लेकर बहादुर पर घर आए थे। लेकिन प्रमोशन की यह खुशी ज्यादा दिन तक नहीं रही और हादसे में उनकी मौत हो गया गई।

बताते चलें कि ग्रामीणों ने बताया कि सूबेदार मेजर सुरेश यादव काफी खुश मिजाज और जिंदादिल इंसान थे। जब भी छुट्टियों में गांव आते युवाओं में देश सेवा की अलख जगा जाते थे। लेकिन उनकी असामयिक मौत ने न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे बहादुरपुर गांव को ही गमजदा कर दिया। उनकी मौत के बाद परिवार वालो का रो रो कर बुरा हाल हो गया है।

फिलहाल उनके घर में पिता जवाहर यादव, माता रमा देवी, पत्नी प्रियंका यादव और दो बच्चो अनमोल (12), अमीषा (16) का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। घटना की जानकारी होने के बाद उनके घर पर काफी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई है। सभी की आंखें नम हैं और उनकी अंतिम दर्शन का इंतजार कर रहे हैं।