अब गार्ड नहीं, ट्रेन मैनेजर कहे जाएंगे, रेलवे ने मान ली पुरानी मांग
 

आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन और रेलवे बोर्ड स्थायी वार्ता तंत्र की बैठक में गार्डों के इस लंबित मांग को पूरा करते हुए पदनाम बदलाव के लिए मुहर लगा दी है।
 

रेलवे ने मान ली पुरानी मांग

रेलगाड़ियों में चलने वाले गार्ड अब कहलाएंगे ट्रेन मैनेजर

भारतीय रेल की रेलगाड़ियों में चलने वाले गार्ड अब ट्रेन मैनेजर कहलाएंगे। पिछले दिनों आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन और रेलवे बोर्ड स्थायी वार्ता तंत्र की बैठक में गार्डों के इस लंबित मांग को पूरा करते हुए पदनाम बदलाव के लिए मुहर लगा दी है। रेलवे गार्डों का पदनाम बदले जाने पर ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने खुशी जताई है। इसे कर्मचारियों के संघर्षों की जीत बताया है।

ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के केंद्रीय संगठन मंत्री बीबी पासवान ने बताया कि 17 और 18 नवंबर को ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन पीएनएम (स्थाई तंत्र वार्ता) की बैठक रेलवे बोर्ड के साथ हुई। इसमें रेलवे गार्ड का पद बदलकर ट्रेन मैनेजर करने की मांग रखी गई। 

बैठक में मौजूद ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा और उपाध्यक्ष एसएनपी श्रीवास्तव की मांग पर रेलवे बोर्ड ने अपनी सहमति की मोहर लगा दी। जल्द ही जोनल रेलवे को इस संबंध में जल्द ही आदेश जारी किए जाएंगे। बीबी पासवान ने कहा कि रेलवे गार्ड के पदनाम बदलने की तैयारी वर्ष 2015 से चल रही थी। अब छह वर्ष बाद रेलवे बोर्ड ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। 

कहा कि यात्री ट्रेनों में यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने पार्सल सामग्री का निष्पादन यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेन की संरक्षा भी गार्ड के जिम्मे है। ऐसे में पदनाम बदलना आवश्यक है। बताया कि रेलवे गार्ड एवं लोको पायलट को ग्रेड पे 4600 एवं 4800 दिए जाने की मांग को लेकर रेल मंत्रालय से बातचीत की जा रही है। इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों को मिलने वाली हार्ड ड्यूटी एलाउंस को सिक में रहने पर काट दिया जाता था जो अब नहीं काटा जाएगा। 

वहीं रेलवे के गार्डों के पर नाम बदले जाने की स्वीकृति मिलने पर प्लांट डिपो शाखा के अध्यक्ष एसपी सिंह, शाखा मंत्री सुल्तान अहमद, एके उपाध्याय, केदारनाथ तिवारी, मोहन राम, दिनेश सिंह, बीबी सिंह, रमेश श्रीवास्तव, संजय शर्मा, ऋषिकेश यादव, राकेश कुमार सिंह, जीत बहादुर थापा, करमजीत, असलम आरजू ने खुशी जताई।