नौगढ़ में 2 बाइकों की आमने-सामने हुई टक्कर, 2 घरों के बुझ गए चिराग, तीसरा पहुंचा ट्रामा सेंटर 

प्यारे चौहान की शादी जून 2024 में हुई थी। उसकी पत्नी सुषमा सात माह की गर्भवती है। पति की मौत की खबर सुनते ही सुषमा और मां मुन्नी देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
 

जीवित्पुत्रिका के दिन मातम

रोती हुई मां ने कहा पैदा होने से पहले उसका बच्चा हो गया अनाथ

बाइक कब्जे में लेकर शुरू की जांच

पिता का इलाज कराने निकला बेटा लेकिन लाश बनकर लौटा 

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में जीवित्पुत्रिका के पावन दिन पर खुशियों की जगह मातम छा गया। नौगढ़–सोनभद्र मुख्य मार्ग पर ट्रेनिंग सेंटर के पास रविवार शाम दो बाइकों की आमने-सामने टक्कर में दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि तीसरा युवक गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया।

आपको बता दें कि पंचायत बाघी गांव के 25 वर्षीय प्यारे चौहान अपने पड़ोसी प्रदीप यादव के साथ पिता लालबरत के ऑपरेशन का पैसा देने तकिया मधुपुर गया था। शाम को घर लौटते वक्त सामने से आ रही तेज रफ्तार बाइक से उसकी भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों बाइक चकनाचूर हो गईं और तीनों सड़क पर घायल पड़े रहे। राहगीरों ने एंबुलेंस बुलाकर सीएचसी पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान प्यारे चौहान की मौत हो गई। प्रदीप और दूसरी बाइक के युवक ‘मुंशी’ को ट्रॉमा सेंटर भेजा गया, लेकिन रास्ते में ही मुंशी ने दम तोड़ दिया।

बच्चा पैदा होने से पहले ही हो गया अनाथ 
प्यारे चौहान की शादी जून 2024 में हुई थी। उसकी पत्नी सुषमा सात माह की गर्भवती है। पति की मौत की खबर सुनते ही सुषमा और मां मुन्नी देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

रोते हुए मां मुन्नी देवी ने कहा
मेरा लाल अपने पिता का इलाज कराने गया था, ब्रेकर होता तो आज मेरा बेटा जिंदा होता। उसका बच्चा पैदा होने से पहले ही अनाथ हो गया। 

पुलिस जांच में जुटी, बाइकें कब्जे में
घटना की सूचना पर थाना प्रभारी सुरेंद्र यादव पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों बाइकों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी गई है। दूसरी बाइक के नंबर से मृत युवक की पहचान बशीर पुत्र हीरालाल, निवासी निपानिया (रायपुर, सोनभद्र) के रूप में हुई। स्वजनों को सूचना दे दी गई।

ब्रेकर और बोर्ड के बिना मौत का जाल बनी सड़क 
 लोगों का कहना है कि सड़क पर न ब्रेकर हैं, न सफेद पट्टियां और न दिशा सूचक बोर्ड। ट्रेनिंग सेंटर मोड़ पर कई बार जानलेवा हादसे हो चुके हैं। लोगों का आरोप है कि प्रशासन और पुलिस की लापरवाही के कारण यह मार्ग मौत का जाल बन गया है।