चंदौली के सरकारी विद्यालयों में बनेगा अपना 'स्कूल बैंड', जानें क्या है पूरी योजना
चंदौली के परिषदीय स्कूलों को अब अपना 'स्कूल बैंड' मिलेगा। 250 से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में 19 सदस्यीय टीम बनेगी, जिन्हें संगीत और अनुशासन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार इसके लिए प्रति स्कूल 30 हजार रुपये का बजट दे रही है।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों का होगा अपना स्कूल बैंड
250 से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को प्राथमिकता
19 बच्चों की टीम और 2-2 यूनिफॉर्म का प्रावधान
30 हजार रुपये प्रति बैंड की आएगी लागत
चयन में छात्राओं की भी होगी बराबर भागीदारी
उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की छवि अब बदलने वाली है। जिले के परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब निजी कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर बच्चों का अपना 'स्कूल बैंड' होगा। इस पहल का उद्देश्य छात्रों में अनुशासन, टीम वर्क और नेतृत्व क्षमता का विकास करना है। रोजाना होने वाली प्रार्थना सभा, प्रभात फेरी और राष्ट्रीय पर्वों पर अब छात्र स्वयं बैंड की धुनों पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
19 बच्चों की बनेगी टीम, छात्राओं को भी समान मौका
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) सचिन कुमार के अनुसार, चयनित विद्यालयों में 19-19 बच्चों का एक विशेष बैंड दल गठित किया जाएगा। इस चयन प्रक्रिया में संगीत के प्रति रुचि रखने वाले और शारीरिक रूप से दक्ष छात्र-छात्राओं को वरीयता दी जाएगी। खास बात यह है कि इस बैंड दल में छात्राओं की बराबर की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि महिला सशक्तिकरण और सह-शिक्षा के भाव को बल मिले।
बजट और यूनिफॉर्म का प्रावधान
योजना के अनुसार, प्रत्येक स्कूल बैंड की खरीद के लिए लगभग 30,000 रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, बैंड टीम में शामिल हर बच्चे को आकर्षक लुक देने के लिए विशेष यूनिफॉर्म दी जाएगी। यूनिफॉर्म के लिए प्रति बच्चा 300 रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे उन्हें दो-दो ड्रेस उपलब्ध कराई जाएंगी।
चयन के लिए क्या है पात्रता?
इस योजना का लाभ फिलहाल उन्हीं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मिलेगा, जहाँ छात्र संख्या 250 से अधिक है। जिले के सभी 9 ब्लॉकों से कम से कम दो-दो विद्यालयों को इस योजना के प्रथम चरण में शामिल करने की तैयारी है। खंड शिक्षा अधिकारियों (BEO) के माध्यम से ऐसे पात्र स्कूलों की सूची मंगवाई गई है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी।
खरीद के लिए बनेगी पांच सदस्यीय समिति
बैंड और उसकी यूनिफॉर्म की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक पारदर्शी व्यवस्था अपनाई गई है। विद्यालय प्रबंध समिति (SMC) के अध्यक्ष की अगुआई में एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इसमें प्रधानाध्यापक सदस्य सचिव होंगे, जबकि वरिष्ठ शिक्षक, खेल अनुदेशक और दो जागरूक अभिभावक सदस्य के रूप में शामिल रहेंगे। इन्हीं की सहमति से उपकरणों और ड्रेस की खरीद की जाएगी।
शिक्षकों को भी मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
छात्रों को बैंड की धुनों पर पारंगत करने से पहले शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षित शिक्षक ही स्कूल स्तर पर बच्चों को नियमित अभ्यास कराएंगे। बीएसए सचिन कुमार ने बताया कि इस पहल से स्कूलों में नामांकन बढ़ेगा और बच्चों का जुड़ाव विद्यालयी गतिविधियों से और अधिक गहरा होगा।