अगर चकरघट्टा स्टाइल में जांच करेंगे तो खुलेगी पोल, सीओ आशुतोष को मिली है जांच
 

अलीनगर थानाध्यक्ष द्वारा रेवसां गांव के दो युवकों को पशु तस्करी की गाड़ी पकड़ने के दौरान भागे हुए गाड़ी के खलासी को संरक्षण देने के आरोप में पकड़ कर थाने लाए थे और उसी मे यह डील हुयी है।
 

चंदौली में पशु तस्करों पर नकेल कसना पड़ रहा है भारी

भौकाल व जेल भेजने का डर दिखाकर वसूली

सीओ की जांच से जल्द होगा मामले का खुलासा

जानिए किन पर गिरेगी गाज

चंदौली जनपद के अलीनगर थानाध्यक्ष पर पशु तस्करी के मामले में पहले तो निर्दोष लोगों को पकड़ना और फिर पैसा लेने की बाद ही पकड़े गए निर्दोष लोगों को छोड़ने का मामला पुलिस कप्तान तक पहुंचा है।  पैसा लेकर छोड़ने की शिकायत पुलिस अधीक्षक से होते ही विभाग में हड़कंप मच गया है। अब इस मामले की जांच पुलिस अधीक्षक ने सीओ  पीडीडीयू नगर को सौंपी है।

 यह मामला आमतौर पर सीधे वसूली का भले ही है, लेकिन इसके अंदर कहीं न कहीं पशु  तस्करों पर नकेल कसना भी पुलिस कर्मियों पर भारी पड़ने वाला बताया जा रहा है, जिसमें अक्सर लेन देन भी हुआ करता है। अब इस मामले में सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधि का भी नाम लेकर दबाव बनाने की कोशिश भी की जा रही है।

बताया जा रहा है कि अलीनगर थानाध्यक्ष द्वारा रेवसां गांव के दो युवकों को पशु तस्करी की गाड़ी पकड़ने के दौरान भागे हुए गाड़ी के खलासी को संरक्षण देने के आरोप में पकड़ कर थाने लाए थे और उसी मे यह डील हुयी है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि गिरफ्तार हुए युवकों की रिश्तेदारी गाड़ी के खलासी पशु तस्कर के यहां है। यह मामला भी खलासी पशु तस्कर से जुड़ा है। उसी के कारण पुलिस दोनों युवकों को उठाया था।  पशु तस्करी के काम में शामिल ये खलासी  बिहार का निवासी बताया जा रहा है।

गिरफ्तार पशु तस्कर भागने के दौरान मोबाइल पर बात कर रिश्तेदारों से घर ले जाने के लिए गुहार लगाई थी।  इस आधार पर दो लोगों को पूछताछ के लिए पुलिस ने उठाया था। दोनों निर्दोषों को पकड़े जाने के बाद, बिरादरी के कुछ लोग थाने पर पहुंचकर उसे छोड़ने के लिए दबाव भी बनाने लगे थे। लेकिन आरोप है कि किसी दलाल के माध्यम से  दोनों को छोड़ने के लिए 43 हजार रुपए की रिश्वत भी ली गयी। अब इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई है। इस मामले को राजनीतिक दबाव भी बनाने की कोशिश भी की गई है।

हालांकि इस मामले में जांच करने के लिए पुलिस अधीक्षक ने सीओ डीडीयू नगर को सौंपी है। जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाने की उम्मीद है। इस पूरे मामले में डीलर कौन है और थाने में ये पैसा किसने लिया है यह पचा जरूर चल जाएगा।

आपको याद होगा कि पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर चकरघट्टा के थाना प्रभारी सुधीर कुमार आर्या की जांच सीओ चकिया रहते हुए आशुतोष ने की थी और इनकी रिपोर्ट पर  चकरघट्टा के थाना प्रभारी को पैसे लेकर अपराधियों को छोड़ने के मामले में जेल जाना पड़ा था। अब देखना है कि सीओ साहब चकरघट्टा स्टाइल में जांच करते हैं या मामले को बस ऐसे ही रफा दफा करते हैं।