अब सब्जियों के भाव से बिगड़ रहा आम आदमी का बजट, आलू-प्याज-टमाटर भी महंगा
 

चंदौली जिले में इन दिनों आलू, प्याज के साथ हरी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। जिसके कारण गरीब व आम आदमी के किचन से सब्जी गायब होती दिख रही है।
 

बारिश की वजह से सब्जियां हो रही खराब

अब सब्जियों के दाम में शुरू हुई बढ़ोत्तरी

किचन का खर्च संभालना हुआ मुश्किल

 आलू-प्याज-टमाटर बिना कैसे चलेगा काम
 

चंदौली जिले में इन दिनों आलू, प्याज के साथ हरी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। जिसके कारण गरीब व आम आदमी के किचन से सब्जी गायब होती दिख रही है। आलू-प्याज-टमाटर जैसी हर दिन उपयोग में आने वाली सब्जियां भी महंगी होने से गरीबों का बजट बिगड़ रहा है। साथ ही डेली मजदूरी करके खाने पीने वाले लोगों को भी महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है।


जिले में देखा जाए तो आलू 32 से 35, टमाटर 50 से 60 और प्याज 45 रुपये किलो बिक रहा है। हरी सब्जियों में परवल 60, भिंडी व नेनुआ 40, करेला 50-60 रुपये किलो बिक रहा है। इससे निम्न आय वाले परिवारों की महिलाओं के लिए किचन का खर्च संभालने में मुश्किल हो रही है।
 

आपको बता दें कि बारिश की वजह से फसलों को नुकसान पहुंचने और मंडी में आवक घटने से सब्जियों के भाव में उछाल आया है। आलू, प्याज और टमाटर के अलावा हरी सब्जियों की कीमत बढ़ने से जायका बिगड़ रहा है। टमाटर की कीमत घटने का नाम नहीं ले रही। लंबे समय से टमाटर 50-60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। वहीं, आलू 32 से 35, प्याज 45, परवल 60, बैंगन 40, लौकी 30, नेनुआ 40, करेला 60, भिंडी 40 और कोहड़ा 35 रुपये किलो बिक रहा है। 


वहीं सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बारिश की वजह से आलू-प्याज और टमाटर की जो बोरियां आती हैं, उनमें एक चौथाई सब्जी सड़ी-गली निकल जाती है। इससे कारोबारियों को नुकसान हो रहा है। वहीं, खेतों में पानी भरने से उत्पादन प्रभावित हुआ है। ऐसे में सब्जी की कीमतें बढ़ गई हैं।


उपभोक्ताओं का कहना है कि बारिश की वजह के साथ साथ मंडी से जुड़े अफसरों के लापरवाह रवैए से ऐसा हो रहा है। रोज मंडी में थोकभाव वे रिटेल भाव जारी किया जाना चाहिए, ताकि मनमाने दाम पर सब्जी न बिक सके।