बिना नंबर प्लेट के चलती हैं नगर पालिका की गाड़ियां, किसकी हिम्मत है कर दे चालान      

नगर पालिका पीडीडीयू नगर के वाहन कई वर्षों से बीमा और रजिस्ट्रेशन नंबर के बिना ही सड़कों पर चल रहे हैं। इन वाहनों पर टीपी यानी टंपरेरी परमिट नंबर भी अंकित नहीं है। 
 

 चंदौली जिले में यातायात नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां

परिवहन विभाग और पुलिस बेखबर बनकर नहीं कर रही कोई भी कार्रवाई

बिना नंबर और बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं नगर पालिका के वाहन

चंदौली जिले के नगर पालिका पीडीडीयू नगर के वाहन कई वर्षों से बीमा और रजिस्ट्रेशन नंबर के बिना ही सड़कों पर चल रहे हैं। इन वाहनों पर टीपी यानी टंपरेरी परमिट नंबर भी अंकित नहीं है। 

आपको बता दें कि यातायात नियमों की खुली धज्जियां उड़ाई जा रही हैं लेकिन परिवहन विभाग और पुलिस इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है। परिवहन विभाग की मेहरबानी से नगर पालिका के बिना नंबर के वाहन लंबे समय से चल रहे हैं ।अलग- अलग समय पर खरीदे गए कई वाहनों का नगर पालिका ने रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया। इससे इन वाहनों की इंश्योरेंस की प्रक्रिया भी पूरी नहीं की गई। इससे दुर्घटना होने पर मुआवजे को लेकर पेंच फंस सकता है। 

बताया जा रहा है कि नगर पालिका के 11 नए कूड़ा वाहनों को 2 अक्टूबर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। गया था। ये वाहन पूरे इलाके में चल रहे हैं लेकिन इन पर न तो टीपी नंबर लिखा है और न रजिस्ट्रेशन नंबर। 

जानकारी के अनुसार नगर पालिका की ओर से वर्ष 1984 में स्कार्ट लोडर, 1995 में स्कार्ट 325 एम, 1998 में स्कार्ट 325, जेसीबी मशीन, 2007 में स्कार्ट 335 जोश, टाटा 709 डंफर, श्री व्हीलर, 2008 में बजाज हापर खरीदे गए थे। इनका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया। वहीं, 2013 में दो टाटा एस, 2014 में टाटा रिफ्यूज कंपेक्टर, टाटा एस, दो टाटा 407, दो टाटा एस, वर्ष 2015 में एक टाटा एस और दो टाटा 407 खरीदे गए। इन वाहनों का भी पंजीकरण नहीं कराया गया। कई वाहन तो कबाड़ हो गए हैं लेकिन आज तक उन पर नंबर नहीं अंकित है।