बहानेबाज हैं अधिकारी, हवा-हवाई वादा करते हैं भाजपा विधायक, चौथे दिन भी मुआवजे की बाट जोह रहा पीड़ित परिवार
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चकिया कोतवाली अंतर्गत बनरसिया गांव में आगलगी की घटना के चौथे दिन बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार को मुआवजे के नाम पर फूटी कौड़ी तक नहीं मिली, जब घटना के बाद तीनों परिवार के लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
 

चकिया के बनरसिया गांव में लगी थी आग

उजड़ गया था पूरा आशियाना

घटना के चौथे दिन भी मुआवजे की बाट जोह रहा पीड़ित परिवार

विधायक कैलाश आचार्य ने जनता के सामने दिया था आश्वासन

 24 घंटे से ज्यादा बीते.. नहीं मिली फूटी कौड़ी  

 

चंदौली जिला के चकिया कोतवाली अंतर्गत बनरसिया गांव में आगलगी की घटना के चौथे दिन बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार को मुआवजे के नाम पर फूटी कौड़ी तक नहीं मिली, जब घटना के बाद तीनों परिवार के लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। वहीं उन्हें खाने-पीने के अनाज तक नहीं है। जबकि शनिवार को विधायक कैलाश आचार्य पीड़ित परिवारों का हाल भी जानने पहुंचे थे। तो आग लगने से पूरी तरह तबाह हो चुके रामदुलारे राम, हेमराज तथा राधे राम के परिवार को आर्थिक सहायता तथा मुआवजा दिलाए जाने का आश्वासन दिया। घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी कोई प्रशासनिक मदद न मिलने से पीड़ित परिवार में रोष व्याप्त है।

  बताते चलें कि बनरसिया गांव में गुरुवार की दोपहर में अज्ञात कारणों से रामदुलारे राम, हेमराज तथा राधे राम के खपरैल नुमा कच्चे मकान में आग लग गई थी। जिससे राधे राम की चार बकरियों की मौत हो गई थी। रामदुलारे की गाय तथा हेमराज की भैंस भी बुरी तरह झुलस गई थी। आग बुझाने में रामदुलारे की वृद्ध पत्नी जियाछी देवी भी आंशिक रूप से जल गई थी। इसके अलावा तीनों परिवार के घरों में रखा अनाज, खाने पीने की सामग्री सहित गृहस्थी का सारा सामान जलकर राख हो गया था। अग्निकांड में तीनों परिवार के सभी सदस्य खुले आसमान की नीचे आ गये। 

आगलगी की घटना से तबाह हुए तीन परिवार के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा बल्कि राजस्व विभाग के कानूनगो तथा लेखपाल ने घटनास्थल पर जाकर रिपोर्ट तैयार कर उपजिलाधिकारी को प्रेषित करने की बात कही थी। जबकि आगलगी की घटना के बाद रामदुलारे, हेमराज तथा राधे के परिवार के लोगों को पेट भरने के लिये अनाज तक नहीं रह गया है। किसी तरह आसपास के लोगों के रहमों करम पर इन परिवार वालों का भरण पोषण हो रहा है।

 घटना के चार दिन बीत गए, विधायक कैलाश आचार्य के आश्वासन के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक पीड़ित परिवार को किसी तरह का मुआवजा न मिलने से परिजनों में रोष व्याप्त है।