प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का वर्चुअल शुभारंभ, किसानों को मिला स्वावलंबन का संदेश
 

प्रधानमंत्री ने ₹42,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया और बताया कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन पर केंद्र सरकार करीब ₹35,000 करोड़ खर्च करेगी।
 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक और बड़ी पहल

देश में कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार और निवेश का ऐलान

देश को आत्मनिर्भरता और रिकॉर्ड उत्पादन की ओर ले जाने की कोशिश 

चंदौली जिले में आज प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का वर्चुअल शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का सजीव प्रसारण चंदौली के कृषि विज्ञान केंद्र समेत सभी विकास खंडों और न्याय पंचायतों में किया गया, जहां बड़ी संख्या में किसान और अधिकारी मौजूद रहे।

इस कार्यक्रम के दौरान, माननीय प्रधानमंत्री जी ने कृषक उत्पादक संगठनों (FPO) और किसानों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश ने खाद्यान्नों का 40 प्रतिशत रिकॉर्ड उत्पादन किया है, लेकिन आत्मनिर्भर बनने के लिए सभी खाद्यान्नों का उत्पादन बढ़ाना होगा, जिसके लिए दलहन आत्मनिर्भरता मिशन लॉन्च किया गया है। प्रधानमंत्री जी ने विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वदेशी बीज और स्वदेशी वस्तुओं को खरीदने पर जोर दिया।

इस अवसर पर माननीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि जीएसटी में राहत देने से ट्रैक्टर और कृषि यंत्र सस्ते हुए हैं, जो किसानों को कम दरों पर मिल सकेंगे। उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने के फैसले को भी किसानों के लिए हितकारी बताया।

कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार और निवेश
प्रधानमंत्री ने ₹42,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया और बताया कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन पर केंद्र सरकार करीब ₹35,000 करोड़ खर्च करेगी। उन्होंने जोर दिया कि 21वीं सदी के तेज विकास के लिए कृषि का विकास आवश्यक है, जिसके लिए बीज से लेकर बाजार तक अनगिनत सुधार किए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि क्षेत्र की प्रगति बताते हुए कहा कि इन बातों पर गौर करने की जरुरत है......

  • विगत 11 वर्षों में कृषि निर्यात दो गुना हुआ।
  • दुग्ध उत्पादन में भारत दुनिया का नंबर वन देश बना।
  • मछली उत्पादन में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है।
  • 10 वर्षों में 6 बड़ी फर्टिलाइजर फैक्ट्रियां स्थापित हुईं।
  • 25 करोड़ से ज्यादा सॉयल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए।

आकांक्षी जिलों पर विशेष फोकस
प्रधानमंत्री ने आकांक्षी जिलों पर विशेष ध्यान देने की बात कही और बताया कि 100 से ज्यादा ऐसे जिलों में सड़कों का निर्माण, बच्चों का टीकाकरण और बिजली कनेक्शन का लाभ दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस नई योजना में 100 जिलों का चयन तीन मानकों—खेत से पैदावार, एक खेत में खेती की बारंबारता और किसानों के लिए लोन सुविधा—पर किया गया है।

योजना का स्थानीय स्वरूप
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की खासियत बताते हुए कहा गया कि इसमें जिले स्तर पर बदलाव किए जा सकते हैं, जिसका आधार फसल, बीज की प्रजाति, खाद के प्रकार और खेत के क्षेत्र के हिसाब से फसलों का चयन होगा, जिसमें मधुमक्खी पालन जैसे बेहतर विकल्प भी शामिल होंगे।

कार्यक्रम के अंत में, जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव और प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र नरेंद्र रघुवंशी ने ई-लॉटरी के माध्यम से चयनित लगभग 100 किसानों को चना, मटर, मसूर और सरसों के मिनीकिट बीज का निःशुल्क वितरण किया। इस अवसर पर डा. पूजा त्रिपाठी, श्रीमती प्रज्ञा भारती सहित कृषि विभाग के कर्मचारी और प्रगतिशील कृषक उपस्थित रहे।