इसलिए कुलदीप सिंह पर 2 लाख की रिश्वतखोरी का आरोप लगा रहा है कोटेदार शमशाद आलम, चुनाव लड़ने की है तैयारी
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने दी अपनी ओर से सफाई
खाद्य सुरक्षा अधिकारी पर लगा है रिश्वतखोरी का आरोप
दुकानदार ने घूस मांगने का इल्जाम लगाते हुए DM-SP को दिया है लेटर
चंदौली: उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद में खाद्य सुरक्षा विभाग के एक अधिकारी पर घूस लेने का गंभीर आरोप लगाया गया है। नौगढ़ के तिवारीपुर में एक परचून दुकानदार और कोटेदार शमशाद आलम ने जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी (DFSO) कुलदीप सिंह पर 2 लाख 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। यह आरोप तब लगाया गया है, जब कुछ हफ़्ते पहले शमशाद आलम की दुकान से खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए थे। शमशाद आलम ने इस संबंध में जिलाधिकारी को एक लिखित शिकायत भी दी है।
इसलिए तूल पकड़ रहा है मामला
पूरा मामला नौगढ़ क्षेत्र के तिवारीपुर से जुड़ा है। कुछ हफ्तों पहले, DFSO कुलदीप सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने शमशाद आलम की परचून की दुकान पर छापा मारा था। इस दौरान टीम ने दुकान से 6 अलग-अलग खाद्य पदार्थों के नमूने लिए। DFSO कुलदीप सिंह का कहना है कि दुकान में सरकारी राशन (चावल और गेहूं) भी पाया गया था, जिसकी सूचना आपूर्ति विभाग को दे दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि छापेमारी के दौरान दुकानदार ने सरकारी काम में बाधा डालने की कोशिश की, जिसके बाद मौके पर सीओ नौगढ़, एक दरोगा और पुलिस बल को बुलाना पड़ा।
कुलदीप सिंह के अनुसार, दुकान में दोयम दर्जे का सामान बेचा जा रहा था। हल्दी में फंगस लगा था और सोन पापड़ी जैसी मिठाइयां कई दिन पुरानी थीं। अधिकारी ने दावा किया है कि ये सभी 6 नमूने जांच में फेल हो जाएंगे।
इसलिए लिए जाते हैं नमूने
कुलदीप सिंह ने बताया कि नौगढ़ क्षेत्र में लंबे समय से कोई नमूना नहीं भरा गया था, जिसका फायदा उठाकर कुछ दुकानदार घटिया और मिलावटी सामान बेच रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग सरकारी खाद्यान्न का भी दुरुपयोग कर रहे हैं, जो सीधे जनता को नुकसान पहुंचाता है। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि भरे गए नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
आरोप लगते ही अधिकारी का जवाब
शमशाद आलम ने जिलाधिकारी को दिए गए अपने प्रार्थना पत्र में DFSO कुलदीप सिंह पर 2 लाख 20 हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है, ताकि लिए गए नमूनों को नष्ट कर दिया जाए। दूसरी ओर, DFSO कुलदीप सिंह ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। कुलदीप सिंह ने कहा कि सभी नमूने प्रशासन की निगरानी में लिए गए थे और दुकानदार द्वारा उन नमूनों को नष्ट कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि शमशाद आलम को अपनी कोटे की दुकान रद्द होने का डर है और चूंकि वह ग्राम प्रधानी का चुनाव भी लड़ रहा है, इसलिए गांव में उसकी छवि खराब होने का खतरा है। इसी डर से उसने बिना किसी सबूत के यह झूठा आरोप लगाया है।
DFSO कुलदीप सिंह ने बताया कि दुकानदार ने नमूने नहीं ले जाने के लिए कई तरह के दबाव डलवाए, और जब नमूने जांच के लिए भेज दिए गए, तो हफ्तों बाद यह झूठा आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर कार्रवाई से बचा नहीं जा सकता है। पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में की गई इस कार्रवाई के बाद दुकानदार का यह कदम उसकी घबराहट को दर्शाता है। अधिकारी ने साफ किया कि रिपोर्ट आने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में आगे क्या होता है, यह देखने वाली बात होगी। क्या जिलाधिकारी इस आरोप की जांच करेंगे या फिर DFSO की बात सही साबित होगी, यह भविष्य ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने स्थानीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा और भ्रष्टाचार को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।