बर्थराकला गांव का मामला : कुछ ऐसी है सवर्ण समाज की दलील, ASP से बताई पूरी बात 
 

 

चंदौली जिले मे आज बर्थराकला गाँव के मामले में सवर्ण समाज के लोगों ने अपर पुलिस अधीक्षक महोदय मिलकर सवर्णों पर हो रहे अत्याचार और उनके खिलाफ हो रहे एक तरफा कार्यवाही की बाबत जो सही जानकारी थी उसको बताया । 


उन्होंने बताया कि इस लड़ाई मे मड़ई मे आग दलित समाज के लोगों ने ही सवर्ण समाज को फंसाने के लिए लगाया था । जबकि जो राजपूत की शान है उनकी जमीन को पिछले 4 सालों से कब्जा किया जा रहा है।  जिसकी सूचना उन्होंने समय-समय पर उच्च अधिकारियों को और पुलिस के अधिकारियों को दिया था। पुलिस भी पहुंची थी और विपक्षी गण को समझाया था लेकिन विपक्षी गण उनकी बातों को कभी नहीं सुने । 

1 अप्रैल 2021 को जिस किसान की जमीन है उन्होंने तत्कालीन एसडीएम सकलडीहा को इसकी शिकायत की थी । जिस पर उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से लिखित जवाब भी दिया था की कार्यवाही होगी। परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई।


 वहां पर जिस व्यक्ति को मारा गया उसकी उम्र लगभग 70 साल है। इनका नाम मोहन सिंह है उनका एक हाथ पहले से ही खराब है और दूसरे हाथ को भी मार के तोड़ दिया गया। साथ ही उनके बेटे रोहित को भी मार के सर फोड़ दिया गया और उनके भतीजे का भी हाथ तोड़ दिया गया । अगर पुलिस और प्रशासन खेत की नापी ही करा दें तो सारा दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सच्चाई सबके सामने आ जाएगी कि इन लोगों ने ही उस जमीन पर कब्जा किया हुआ है और जबरदस्ती अपने मिले हुए अधिकार का दुरुपयोग करते हुए स्वर्ण समाज को लगातार परेशान कर रहे हैं और यह सिर्फ बकरा की ही घटना नहीं है बल्कि यह पूरे देश की स्थिति है । 


जहां भी बस्ती है वहां पर जिस भी बिरादरी का खेत है इनके द्वारा उस पर कब्जा किया जा रहा है । बोलने वाले के ऊपर फर्जी sc-st का मुकदमा लग रहा है, इसीलिए आज सवर्ण समाज के लोगों ने एक पत्र अपर पुलिस अधीक्षक चंदौली को और उस पर निवेदन किया गया है कि जिस प्रकार उनका फर्जी मुकदमा आपके द्वारा पंजीकृत करा दिया गया लेकिन दूसरे पक्ष का मुकदमा नहीं किया गया जबकि उनके पास मेडिकल रिपोर्ट भी है। 


ऐसी स्थिति में सवर्णों के साथ अत्याचार हो रहा है। सवर्ण समाज का भी मुकदमा करने और उस घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है । ऐसा नहीं होने पर बहुत बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है। जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।