बंधी बंधाई कमाई के कारण नहीं होती बोगा वाले ट्रैक्टरों पर कार्रवाई, कई दलों के दलाल भी हैं शामिल
 

बोगा संचालन के इस खेल से जनपद की सड़कें बेहाल हो रही हैं। साथ ही प्रतिदिन लाखों रूपये की राजस्व हानि हो रही है।
 

हर बड़े चौराहे पर एक्टिव रहते हैं पुलिस के दलाल

मोरंग बालू लदे बोगा ट्राली से करते हैं वसूली

कारोबार में शामिल भाजपा नेताओं के डर से खनन व राजस्व के अधिकारी हैं खामोश  

चंदौली जिले के चहनियां इलाके में मोरंग बालू लदे बोगा ट्राली युक्त ट्रैक्टर के संचालन का खेल अभी भी पुलिस प्रशासन के सहयोग से जारी है। दिन में सख्ती देख बोगा ट्रैक्टर भोर में तीन से पांच बजे के बीच ही चहनियां मारूफपुर तिरगावां पार कर सैदपुर गाजीपुर में निकल जा रहे हैं। इस सारे खेल में पुलिस प्रशासन की मिलीभगत का प्रमाण शनिवार की भोर में बोगा ट्रैक्टरों से वसुली के लिए चहनियां बाजार में पुलिस द्वारा नियुक्त खड़े दो प्राइवेट आदमी पत्र प्रतिनिधि के मोबाइल कैमरे से बचने के लिए मुहं बांधकर भागते नजर आये।
       

गौरतलब है कि बीते दिनों सूबे के मुखिया आदित्यनाथ योगी ने प्रशासनिक अमले की नकेल कसते हुए अवैध खनन व ओवरलोडेड वाहनों पर कार्रवाई करने का फरमान जारी किया था। किन्तु चन्दौली जनपद में नौबतपुर सैयदराजा से कृषि कार्य के लिए उपयोग में आने वाले ट्रैक्टरों में बोगा ट्राली लगाकर 400-500 फीट मोरंग बालू लादकर बगैर कोई रायल्टी जमा किये नई बाजार सकलडीहा के रास्ते चहनियां मारूफपुर से होकर तिरगांवा के रास्ते सैदपुर गाजीपुर की तरफ आये दिन जा रहे है। इसपर चन्दौली जिला प्रशासन संज्ञान लेने की बजाय मौन साधे हुए है। 

बोगा संचालन के इस खेल से जनपद की सड़कें बेहाल हो रही हैं। साथ ही प्रतिदिन लाखों रूपये की राजस्व हानि हो रही है। इसके इतर लोगों की माने तो जनपद का पुलिस प्रशासन बोगा गुजरने वाले हर थाना क्षेत्रों में जगह जगह प्राइवेट आदमी नियुक्त करके इन बोगा ट्रैक्टरों से एक निश्चित रकम की वसूली करा रहा है।

कहा जाता है कि इस खेल में कई राजनेता शामिल हैं, जिनके शागिर्द यह काम करते हैं और वह उनके उपर कानूनी कार्रवाई न करने के लिए अफसरों से पैरवी करते हैं और गाहे-बगाहे साहब लोगों को उपकृत्य भी करते हैं। सबसे अधिक लोग सत्तापक्ष से जुड़े हैं, जो आकाओं को खुश करके यह काम कर रहे हैं। इसी चक्कर में और लोगों का भी फायदा हो जा रहा है।

डीएम व एआरटीओ की भी चुप्पी के खास मायने हैं। आखिर मीटिंग में राजस्व बढ़ाने के दिशा निर्देश देने वाली मैडम साहिबा इस पर कार्रवाई क्यों नहीं करती हैं और स्कूल बसों, सवारी गाड़ियों व छोटे छोटे वाहनों पर एक्शन लेता है..क्या ये उसके क्षेत्राधिकार में आता है या नहीं।