चंदौली मेडिकल कॉलेज के लिए 260 करोड़ जारी, PWD की निगरानी में बनेगा कॉलेज
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चंदौली मेडिकल कॉलेज निर्माण का मार्ग धीरे-धीरे प्रशस्त होता जा रहा है। शासन स्तर पर आयोजित व्यय वित्त समिति की बैठक में बरहनी ब्लाक के बरठी कमरौर में बनने वाले कॉलेज भवन के लिए 260 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
इस दौरान शैक्षणिक प्रशासनिक भवन के साथ तीन सौ बेड के अस्पताल का निर्माण करवाया जाएगा। इसके निगरानी की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड को सौंपी गई है। इंजीनियरिग प्रोक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड अनुसार ऑनलाइन निविदा के जरिए ठीकेदारों का चयन होगा।
पिछड़े जिले में मेडिकल कॉलेज निर्माण को लेकर जारी राजनीतिक उठापटक प्रदेश सरकार की घोषणा के साथ ही समाप्त हो गई। जिला प्रशासन ने यूपी-बिहार सीमा के नौबतपुर के पास बरठी कमरौर गांव में कॉलेज निर्माण को भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव शासन को भेजा और योगी सरकार ने इसे हरी झंडी दे दी।
आपको याद होगा कि गत 14 मार्च को व्यय वित्त समिति की बैठक में कॉलेज भवन निर्माण के लिए 260 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित कर दी गई। अब चंदौली मेडिकल कॉलेज निर्माण की सभी औपचारिकताएं लगभग पूरी हो चुकी हैं।
बरठी कमरौर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज भवन में शैक्षणिक प्रशासनिक कक्षों के साथ तीन सौ बेड का अस्पताल होगा। 120 छात्राओं और 180 छात्रों के लिए डबल सीटेड हास्टल, श्रेणी दो, तीन, चार और पांच के आवास, डायरेक्टर आवास, लाइब्रेरी, फायर स्टेशन, ट्यूबवेल, पेयजल टंकी आदि सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। प्रथम वर्ष में सौ सीटों पर प्रवेश के लिहाज से व्यवस्था की जा रही है। नया भवन और इसका परिसर 11 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला होगा।
मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल को जोड़कर मेडिकल कॉलेज की रूपरेखा तैयार की गई है। 200 बेड जिला अस्पताल में तैयार किया जाएगा। इस तरह कॉलेज पांच सौ शैया युक्त होगा। निविदा के जरिए ईपीसी मोड के अनुसार ठीकेदार का चयन किया जाएगा। यानी प्रोजेक्ट की डिजाइन, सामान खरीद, मजदूरों की व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी संबंधित ठीकेदार की होगी। निर्धारित समय और बजट के भीतर कार्य संपन्न करना होगा।
एक्सईएन पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड डीपी सिंह का कहना है कि चंदौली मेडिकल कालेज के लिए व्यय वित्त समिति ने 260 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित कर दी है। रेखरेख की पूरी जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड की है। निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए शासन की स्वीकृति का इंतजार है। सरकार की मंशा और निर्देशों के अनुसार कार्य कराने को महकमा कटिबद्ध है।
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