चंदौली जिले सहित इन जिलों को मिल सकती है राहत, शुरू होंगे ये काम
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प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण से अब तक अछूते या कम प्रभावित जिलों में कुछ गतिविधियां शुरू करने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन तथा ओरेंज जोन में छूट वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा है कोरोना संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना है।
मुख्यमंत्री ने यह बात टीम 11 के अधिकारियों के साथ लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कहा कि 3 मई के पश्चात औद्योगिक इकाइयों को किस प्रकार शुरू किया जाए, इसके लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की कार्य योजना बनायी जाए। प्रयागराज से वापस भेजे जा रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। उन्होंने वाराणसी, हापुड़, रामपुर, मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ में वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारी भेजने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क आदि के निर्माण कार्य से जोड़ने के भी निर्देश अफसरों को दिए।
कोविड अस्पतालों का डीएम व सीएमओ करें निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा, शेल्टर होम में 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरा करने वालों का चिकित्सीय परीक्षण कराके होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। मेडिकल टेस्टिंग के लिए पूल टेस्टिंग व रैण्डम टेस्टिंग का उपयोग किया जाए। जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों, शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर का निरीक्षण करें। उन्होंने कहा है कि शेल्टर होम को जियो टैग किया जाए।
प्लाज्मा थेरेपी को दें बढ़ावा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एल-1, एल-2 अस्पतालों में आक्सीजन की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। एल-1 श्रेणी के कोविड अस्पतालों की संख्या में वृद्धि की जाए। एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड्स बढ़ाये जाएं। सभी चिकित्सालयों में पीपीई किट तथा एन-95 मास्क की सुचारु उपलब्धता की जाए। कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दिया जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए। सभी टेस्टिंग लैब्स में पूल टेस्टिंग की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के मद्देनजर वैश्विक स्तर पर टेक्नोलाजी प्राप्त करने पर विचार किया जाए।
स्वास्थ्य कर्मियों को करें प्रशिक्षित
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना है। मेडिकल इन्फेक्शन को रोकने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने बायो-मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये। मुख्य चिकित्सा अधिकारी नर्सिंग होम के संचालकों तथा अन्य डाक्टरों के साथ बैठक करते हुए टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराने वाले डाक्टरों की व्यवस्था करें।
भूसा बैंक बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गोवंश के लिए गोवंश आश्रय स्थलों पर भूसा बैंक स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर शासन द्वारा अनुमन्य राशि से दिवंगत का अन्तिम संस्कार कराया जाए।
जोनवार जिलों की श्रेणी-
रेड जोन ( 20 से ज्यादा मरीज वाले जिले) – आगरा, लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, शामली, मेरठ, बुलंदशहर, बस्ती, हापुड़, फिरोजाबाद, सहारनपुर, रायबरेली, बिजनौर, सीतापुर, रामपुर, अमरोहा, संतकबीरनगर, अलीगढ़।
आरेंज जोन (जिले जहां पिछले 14 दिनों में कोई नया केस नहीं आया) – बागपत, बरेली, गाजीपुर, आजमगढ़, हरदोई, प्रतापगढ़, शाहजहांपुर, बांदा, महाराजगंज, हाथरस, मिर्जापुर, औरैया, बाराबंकी, कौशांबी, प्रयागराज, मथुरा, बदायूं, मुजफ्फरनगर, भदोही, संत रविदासनगर, जौनपुर, कासगंज, इटावा, संभल, उन्नाव, कन्नौज, मैनपुरी, गोंडा, मऊ, लखीमपुर, पीलीभीत, एटा, सुलतानपुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, बलरामपुर, अयोध्या, जालौन, गोरखपुर व झांसी।
ग्रीन जोन (जहां अभी तक कोई कोरोना संक्रमण का केस नहीं) – अंबेडकरनगर, अमेठी, बलिया, देवरिया, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर फतेहपुर, चंदौली और सोनभद्र।
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