कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी काम करता रहा अवधेश, लॉकडाउन में श्रमिकों एवं यात्रियों को देते रहे मदद
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देश पर आयें कोरोना संक्रमण के सामने कोरोना वॉरियर्स ने रात दिन एक कर देशवासियों की सुरक्षा का ज़िम्मा उठाया और इन सुरक्षित हाथों ने कोविड काल में अपनी जान की परवाह न करते हुये निःस्वार्थ भाव से सेवा की। लोकडाउन के दौरान हर संभव सहायता दी गयी। वहीं कोविड पॉज़िटिव होने के बाद भी पहले दूसरों की परवाह की गयी, उन्हें स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का कार्य किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में अकाउंटेंट पद पर तैनात अवधेश सिंह (40) वास्तव में कोरोना वॉरियर्स साबित हुए । 30 सितंबर 2020 को पॉजिटिव हुए और उसी दिन जनपद में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कोविड-19 के प्रबंधन की बैठक में भाग लेना था लेकिन एक दिन पहले बुखार, बदन दर्द, कमजोरी महसूस होने से कोरोना टेस्ट कराना पड़ा, क्योंकि बैठक में सभी उच्च अधिकारी भाग लेने वाले थे । अवधेश को लगा कि जरा सी लापरवाही से कई लोग कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं | टेस्ट में पॉजिटिव आने के साथ ही संपर्क के पाँच अधिकारी एवं कर्मचारी भी पॉजिटिव हो गए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर सभी ने आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल दिया और कुछ आवश्यक फाइलें लैपटॉप लेकर घर चले गए। जांच में पॉजिटिव होने के बाद भी होम आइसोलेशन में रहकर उन्होने कार्यालय के सभी कार्यों को उच्चाधिकारियों के निर्देश पर करते रहे। साथ ही नियमित सुबह-शाम पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन सैचुरेशन, थर्मामीटर से टेंपरेचर, चिकित्सक की सलाह के अनुसार दवाओं के साथ गुनगुना पानी, हल्दी के साथ दुध, आयुर्वेदिक काढ़ा, पोष्टिक भोजन लेते रहे। सात दिन बाद ही वह स्वस्थ महसूस करने लगे और जब एंटीजन टेस्ट कराया तो रिपोर्ट निगेटिव आई । लगभग 20 दिन तक होम आइसोलेशन में रहने के बाद आज वह पुनः कोविड-19 के प्रबंधन के कार्यों में जुट गए। अवधेश सिंह ने कोविड-19 को मात दे कर जन सामुदाय की सेवा के लिए काम को प्राथमिकता दी और कार्यों का बखूबी निर्वाहन किया ।
कोरोना उपचारधीन होने से पूर्व सजगता, समझदारी एवं कर्मठता से कोविड-19 के प्रबंधन में अवधेश सिंह का विशेष योगदान रहा है। चाहे वह कोटा से आए हुए बच्चों की जांच करा कर उनको सुरक्षित घर भिजवाना हो या रेलवे स्टेशन पर आए हुए यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग में कार्यरत चिकित्सक एवं सहयोगियों के साथ दिन रात खड़ा रहना, जनपद को जोड़ने वाले सभी रोड पर बैरीकटिंग की व्यवस्था में सहयोग, अति आवश्यकता की स्थिति में चिकित्सकीय उपकरण की व्यवस्था हेतु दिन रात उनके साथ रहे |
लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों की मदद के लिए रात को हाईवे पर 5 से 6 दिन से पैदल चल रहे श्रमिकों एवं यात्रियों से उनकी तबीयत पूंछ कर दवा व भोजन, पानी, आराम की व्यवस्था कराने का कार्य किया | इस तरह के योद्धाओं से आज हमारा देश सुरक्षित हैं |
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