जानिए दांतों की सड़न का असली कारण और 5 आसान घरेलू उपाय
मीठा और आलस्य है दांतों का दुश्मन
ऐसे पता चलते हैं दांतों के सड़न के शुरुआती लक्षण
कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से भी होते हैं दांत कमजोर
दांतों की सड़न एक ऐसी सामान्य समस्या है जो अक्सर नजरअंदाज की जाती है, लेकिन यह धीरे-धीरे गंभीर दर्द, मसूड़ों के इंफेक्शन और यहां तक कि दांत खोने का कारण बन सकती है। जब भी आपको ठंडा या गरम खाने पर तेज झनझनाहट महसूस हो, दांतों का रंग पीला या काला पड़ने लगे, या मुंह से लगातार बदबू आने लगे, तो यह स्पष्ट संकेत है कि आपके दांतों में सड़न की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
अगर समय रहते इस समस्या पर ध्यान न दिया जाए, तो सड़न इनेमल की बाहरी परत को पार करके दांत की जड़ तक पहुंच सकती है, जिससे असहनीय दर्द हो सकता है।

दांतों में सड़न के मुख्य कारण
दांत सड़ने के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं, जिनमें से अधिकतर हमारी खान-पान की आदतों और साफ-सफाई की कमी से जुड़े हैं:
अत्यधिक मीठा और शुगर का सेवन: मिठाई, चॉकलेट, आइसक्रीम या सॉफ्ट ड्रिंक जैसे मीठे खाद्य पदार्थों में मौजूद शक्कर, मुंह के बैक्टीरिया के साथ मिलकर एसिड बनाती है। यह एसिड दांतों की बाहरी और सबसे मजबूत परत, इनेमल (Enamel), को धीरे-धीरे खत्म कर देता है, जिससे सड़न शुरू हो जाती है।
खराब तरीके से मुख की सफाई: दिन में कम से कम दो बार ब्रश न करना या फ्लॉसिंग (धागे से सफाई) की आदत न होना सबसे आम कारण है। इससे दांतों पर प्लाक (Plaque) जमने लगता है। प्लाक बैक्टीरिया, एसिड और भोजन के कणों का एक चिपचिपा मिश्रण होता है, जो सड़न की शुरुआत करता है।

कम लार बनना: पानी कम पीने या कुछ विशेष दवाइयों के सेवन से मुंह में लार (Saliva) कम बनती है। लार मुंह को साफ रखने और एसिड को बेअसर करने में मदद करती है, लेकिन इसकी कमी से बैक्टीरिया तेजी से पनपने लगते हैं।
पोषक तत्वों की कमी: शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी जैसे जरूरी पोषक तत्वों की कमी से भी दांत कमजोर हो जाते हैं और सड़न के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
दांतों की सड़न के लिए 4 असरदार घरेलू उपाय
दांतों की सड़न और दर्द को कम करने के लिए कुछ पुराने और प्रभावी घरेलू उपायों का इस्तेमाल किया जा सकता है:
लौंग का तेल (Clove Oil): लौंग का तेल दांत दर्द के लिए रामबाण माना जाता है। इसमें यूजेनॉल (Eugenol) नामक तत्व होता है, जो शक्तिशाली दर्द निवारक (Painkiller) और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है।
उपयोग: एक रुई के फाहे पर लौंग के तेल की कुछ बूंदें लगाकर सीधे प्रभावित दांत पर 5 से 10 मिनट तक रखें। यह तुरंत दर्द और सूजन को कम करेगा।

ऑयल पुलिंग (Oil Pulling): नारियल तेल से 'ऑयल पुलिंग' करना मौखिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यह मुंह के बैक्टीरिया और विषाक्त पदार्थों (Toxins) को बाहर निकालता है।
उपयोग: रोज सुबह 1 चम्मच शुद्ध नारियल तेल मुंह में लें और इसे 5 मिनट तक चारों ओर घुमाएं (गरारे न करें)। फिर इसे थूक दें और गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें।
नीम की दातुन और पत्तियां: नीम के औषधीय गुणों के बारे में सभी जानते हैं। रोज सुबह नीम की दातुन करने से मुंह के कीटाणु मर जाते हैं और मसूड़े मजबूत होते हैं।
लहसुन का पेस्ट और नमक-सरसों तेल:
लहसुन: लहसुन में एलिसिन नामक यौगिक होता है, जो संक्रमण को कम करता है। एक लहसुन की कली को पीसकर 5 मिनट तक प्रभावित दांत पर लगाने से दर्द और संक्रमण में राहत मिलती है।
नमक और सरसों तेल: नमक और सरसों तेल का मिश्रण एक पुराना नुस्खा है। इसे हल्के हाथ से मसूड़ों पर रगड़ने से इनेमल मजबूत होता है और रक्त संचार बेहतर होता है।
मजबूत दांतों के लिए कैसा हो आहार
दांतों को लंबे समय तक मजबूत बनाए रखने में आपका आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कैल्शियम के स्रोत: दूध, पनीर, तिल के बीज, अंजीर और हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी) कैल्शियम के बेहतरीन स्रोत हैं, जो दांतों की मजबूती के लिए आवश्यक हैं।
विटामिन सी: आंवला और नींबू जैसे खट्टे फल विटामिन सी प्रदान करते हैं, जो मसूड़ों को मजबूत बनाने और उन्हें संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं।
याद रखें, ये उपाय प्राथमिक राहत दे सकते हैं, लेकिन यदि सड़न गंभीर हो चुकी है, तो दंत चिकित्सक (Dentist) से सलाह लेना सबसे जरूरी है।
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