ऐसे गांजे की तस्करी में शामिल हुआ सतीश, इसलिए मदद करते थे विक्की व समरेन्द्र
चंदौली जिले में क्राइम ब्रांच व स्वॉट टीम के साथ सर्विलांस व थाना धीना पुलिस की संयुक्त टीम ने धीना थाना क्षेत्र के चिल्हारी गांव के चौराहे पर पुलिस चेकिंग के दौरान 3 अंतरराज्यीय गांजा तस्करों को सहित एक ब्रेजा कार से 35 किलो गांजे के साथ पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। अपनी दिवाली को हसीन बनाने की नीयत से लगभग 2.45 लाख रुपये के गांजे को बेंचने के लिए ले जा रहे थे।
बताया जा रहा है कि पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल के द्वारा अपराधियों व मादक पदार्थ के रोकथाम के लिए चलाए जा रहे चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस को यह कामयाबी मिली है। इस दौरान पुलिस ने जिन तीन तस्करों को पकड़ा है, उनकी क्रिमिनल हिस्ट्री काफी दिलचस्प है, जिसे देखने व समझने की कोशिश करते हैं।
चंदौली पुलिस को इन अपराधियों से मिली जानकारी के अनुसार सैयदराजा थाने के फेसुड़ा गांव के रहने वाले स्व. महेन्द्र प्रताप सिंह का बेटा सतीश सिंह, जिसकी उम्र लगभग 47 साल है और वह कई साल जेल में काटने के बाद से गांजे की तस्करी के काम में जुट गया। उसने बताया कि 2011 में भाई की पत्नी की दहेज हत्या के मामले में उसने लगभग 7 साल जेल में काटे थे। इसी मुकदमे में उसे आजीवन कारावास हुआ तो वह उपर की अदालत से अपील करके जमानत पर छूट गया। उसके बाद से ही वह गांजे की तस्करी के धंधे में लग गया है और यही उसकी आजीविका का प्रमुख साधन है। इसके अलावा उसके कनेक्शन और भी प्रदेशों में हैं और वह उड़ीसा के कोरपुट जिले में 2019 गांजे की अवैध तस्करी में पकड़ा गया था और लगभग 27 माह जेल में रहा था।
इस धंधे में उसने अपना साथी गांव के ही रहने वाले अमित सिंह के बेटे समरेन्द्र सिंह उर्फ छोटू को बनाया और उसको अपनी गाड़ी में लेकर गांजे की तस्करी कराने लगा। वह कहने लगा कि वह सतीश सिंह की गाड़ी से ही लगातार इस काम को कर रहा है। वह इसी निजी गाड़ी से उड़ीसा से गांजा लाने काम करता था और उसे गांवों में फुटकर तरीके से बेंचने का काम करता है। दीपावली व अन्य त्यौहारों के समय इसकी मांग अधिक होने से वह ज्यादा गांजा लाकर बेंचने काम कर रहा था।
गांजा तस्करों में इनका तीसरा साथी बिहार के भोजपुर जिले का रहने वाला विक्की प्रसाद पुत्र सज्जन प्रसाद है और यह इस काम में सतीश का साथी है। विक्की भी 2019 में उड़ीसा में सतीश सिंह के साथ जेल गया था और दो साल से अधिक की सजा काटकर आया था।
इस धंधे को आराम से चलाने के लिए वह अपनी निजी कार का इस्तेमाल कर रहे थे, लेकिन चंदौली पुलिस के सर्विलांस सेल, स्वॉट टीम व क्राइम ब्रांच की अलर्टनेस से वह धीना इलाके में धर दबोचे गए।
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