चंदौली में मोटे अनाज व उपयोगी फलदार पौधों की खेती पर मिला टिप्स, किसानों को होगा फायदा
चंदौली जिले को वैसे तो धान का कटोरा कहा जाता है और यहां पर गेंहू की खेती भी अच्छी तरह से होती है। इसके साथ साथ किसानों को और भी अनाजों को उगाने के लिए सलाह दी जा रही है। जिला मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र सभागार में शुक्रवार को पोषण वाटिका महाअभियान का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली में आयोजित गोष्ठी में वरिष्ठ विज्ञानियों के संबोधन का सीधा प्रसारण करते हुए किसानों को मोटे अनाज की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
इस अवसर पर किसानों को आम, सहजन, बेल और नीबू के पौधे व सब्जी के बीज देकर बागवानी व उपयोगी फलदार पौधे लगाने से होने वाले फायदों के बारे में चर्चा की गयी।
इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डाक्टर एसपी सिंह ने बताया कि मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, रागी, सांवा आदि की खेती अब बहुत कम किसान करते हैं। इनके स्थान पर लोग धान और गेहूं की खेती करते हैं। हमारी कई पीढि़यां मोटा अनाज ही खाती रहीं, लेकिन हाल के वर्षों में तेजी से परिवर्तन हुआ है। मोटे अनाज स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर हैं। ऐसे में इन्हें दोबारा अपनाने की जरूरत है।
इस कार्यक्रम में भाग ले रहे इफको प्रभारी राजेश कुमार ने कंपनी की ओर से तैयार जैविक खाद व नैनो फर्टीलाइजर के बारे में जानकारी दी। उद्यान विज्ञानी डाक्टर दिनेश कुमार यादव ने किसानों को पौधे लगाने व बागवानी प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया। रितेश गंगवार ने जैविक खेती की बारीकियां बताईं।
वहीं डाक्टर अभयदीप गौतम ने धान की फसल में झुलसा, खैरा रोग आदि के उपचार के बारे में जानकारी दी। इस दौरान कृषि विशेषज्ञों के साथ ही महिला कृषि मौजूद थे।
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