किसानों के लिए खुशखबरी : ‘केआरएल’ चंदौली का ब्लैक राइस खरीदने के लिए तैयार
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चंदौली जिले में काला चावल की खेती करने वाले जिले के किसानों के लिए खुशखबरी आ गयी है। देश दुनिया की जानी मानी चावल निर्यातक कंपनी ‘केआरएल’ ब्लैक राइस खरीदने के लिए तैयार हो गयी है। कंपनी के प्रतिनिधि दो बार फसल का सर्वे कर चुके हैं। इसके बाद माना जा रहा है कि जल्द ही आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके अलावा डेढ़ दर्जन और भी कंपनियां इसके लिए इच्छुक बतायी जा रही हैं।
कहा जा रहा है कि चंदौली जिले का यह काला चावल कृषि विशेषज्ञों की प्रयोगशालाओं में भी मानक पर खरा उतरा है। जिले के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर शुरू से ही जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल का विशेष फोकस रहा है। उन्नतशील किसानों ने चंदौली काला चावल समिति गठित कर अपने उत्पाद की ऐसी ब्रांडिग की कि अब यह विश्व पटल पर परिचय का मोहताज नहीं है। पहले ही खाड़ी के देशों व ऑस्ट्रेलिया में निर्यात हो चुका है और माना जा रहा है कि आने वाले सालों में इसके व्यापार का और भी देशों में विस्तार होगा।
चार साल पहले तत्कालीन केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने जिले का दौरा किया था। जिले की आबोहवा देख कर जिलाधिकारी को मणिपुर से चाकहाओ का बीज मंगाकर खेती कराने की सलाह दी थी। पहले साल मात्र 14 किसानों को एक-एक किलो बीज दिया गया था। प्रयोग के तौर पर की गई खेती किसानों को रास आई और दूसरे साल रकबा बढ़ गया। तीसरे साल करीब 500 किसानों ने 250 हेक्टेयर भूमि में खेती की। गाजीपुर की निजी कंपनी 83 रुपये प्रति किलो के हिसाब से उपज खरीदी। इससे अन्नदाताओं का हौसला बढ़ा।
इस खरीफ सीजन में एक हजार किसानों ने 600 हेक्टेयर क्षेत्रफल में काला चावल की खेती की थी। जिले के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल का शुरू से ही विशेष फोकस रहा। किसानों व अधिकारियों की पूरी टीम ब्लैक राइस की खेती को बढ़ावा देने में जुटी रही। चंदौली का काला चावल पूर्वांचल, सूबा, देश की सीमा तोड़कर दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुका है। पहले ही खाड़ी के देशों व ऑस्ट्रेलिया में निर्यात हो चुका है। अब चावल निर्यातक दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी ने काला चावल खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।
आपको बता दें कि गत दिनों ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए सेलर-बॉयर मीट का भी आयोजन किया गया था। इसमें भी देश की कई नामी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। उन्होंने गुणवत्तायुक्त चावल खरीदने का भरोसा दिलाया है।
इस संबंध में उप कृषि निदेशक राजीव कुमार ने बताया कि ब्लैक राइस की खरीदारी के लिए जनवरी में इसके अलावा अट्ठारह और कंपनियां और आ रही हैं जो कि किसानों की मांग के अनुसार डेढ़ सौ रुपए की दर से ब्लैक राइस खरीद सकती हैं।
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