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नौगढ़ में अफसरों ने दे दिया होमगार्डों को प्रधानमंत्री आवास, गरीबों की योजना में गोलमाल की जांच शुरू

 


चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा गोलमाल सामने आया है। यहां दो ऐसे व्यक्तियों  को योजना का लाभ दे दिया गया, जो पुलिस विभाग में होमगार्ड है, बाकायदा सरकार से वेतन ले रहे हैं। इतना ही नहीं आवास बनवाने के लिए पहली किस्त भी उसके खाते में भेज दी गई। खंड विकास अधिकारी सुदामा यादव ने जांच कराने को कहा है। 

आपको बता दें कि गरीबों के लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित कर रही है। जिसमें अपनी जमीन पर मकान बनाने के लिए 1.20  लाख रुपये दिए जाते हैं। बजरडीहा और परसिया गांव के शिकायतकर्ताओं  का आरोप है कि  पुलिस विभाग में काम कर रहे बजरडीहा के बलवंत की पत्नी गुजराती और परसिया गांव में सीताराम की पत्नी अमरावती को योजना का लाभ दिया गया है। इनके पास मकान के अलावा पुश्तैनी जमीन के अलावा मोटरसाइकिल, स्मार्टफोन तथा घर में अन्य सभी सुविधाएं हैं।


जांच हो तो कई मिल सकते हैं अपात्र


नौगढ़ में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास योजना में अगर प्रशासन द्वारा लाभार्थियों की जांच कराई जाए, तो ऐसे कई लाभार्थी अपात्र मिल सकते हैं। कुछ माह पूर्व अमदहां में एक अपात्र को आवास देने का मामला उठा था। 

इस सम्बन्ध में खंड विकास अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर जांच कराई जाएगी। गोलाबाद  और देवखत गांव में अपात्रों को आवास देने पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए पंचायत सचिव आशुतोष और सौरभ कुमार को 6 महीने से अटैच किया है। इन्हें अभी तक चार्ज नहीं मिल पाया है।


मुख्य विकास अधिकारी अजितेंद्र नारायण बोले


शिकायत मिलने के बाद अपात्रों को आवास दिए जाने के मामले की जांच पड़ताल कराने के बाद कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुराने मामले में पात्रता सूची और बैंक स्टेटमेंट मंगाए गए हैं‌।


जानिए किस मामले में क्या हुआ


केस 1- लौवारी खुर्द गांव में अंती कोल नाम की महिला के खाते में पहली किस्त ₹44000 रुपए भेजा गया। दूसरी किस्त₹76000 खाते में आते ही अगले दिन महिला अपने प्रेमी के साथ भाग कर शादी कर लिया।


केस-2 ग्राम पंचायत भैसोड़ा के बरवाटांड के कमलेश की पत्नी के खाते में 44,000 भेजा गया तो अगले दिन एजेंसी में जाकर टेंपो खरीद लाया।


केस 3- नौगढ़ के कई गांवों में मां और पत्नी के खाते में आवास का पैसा आते ही खाते से निकालकर मोटरसाइकिल खरीद चुके हैं। आखिरकार ऐसे अपात्र लोगों को आवास मिला क्यों? पहली किस्त लेकर कहीं गायब हो गए।

आप को बता दें कि ग्राम पंचायत मझगावा में प्रधानमंत्री आवास योजना में दर्जनों ऐसे नाम हैं, जिनके नाम पर उनके स्थान पर उसी नाम के  गांव के दूसरे व्यक्ति को योजना का लाभ दे दिया गया जबकि उस परिवार को पहले भी आवास का लाभ दिया जा चुका था। तमाम शिकायतों के बाद भी केवल अधिकारी धनराशि की रिकवरी कराने की बात करते हैं।

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