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बुद्धम शरणम गच्छामि से एक बार फिर गूंजी घुरहूपुर की पहाड़ी

चंदौली जिले के चकिया तहसील अंतर्गत घुरहूपुर में बौद्ध महोत्सव मंगलवार को परंपरागत ढ़ंग से मनाया गया। इस दौरान उपस्थित जनों ने भगवान बुद्ध के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर मोमबत्ती जलाकर पूजन अर्चन किया।
 

चंदौली जिले के चकिया तहसील अंतर्गत घुरहूपुर में बौद्ध महोत्सव मंगलवार को परंपरागत ढ़ंग से मनाया गया। इस दौरान उपस्थित जनों ने भगवान बुद्ध के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर मोमबत्ती जलाकर पूजन अर्चन किया। वहीं बुद्धम शरणम गच्छामि, धम्मम शरणम गच्छामि, संघे शरणम गच्छामि के उद्घोष से बौद्ध स्थल की पहाड़ी एक बार फिर गूंज उठी।

 
  आपको बता दें कि शादे समारोह के रूप में मनाए जाने वाले अबकी बार महोत्सव में आए मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित जिला पंचायत सदस्य गणेश प्रसाद ने कहा कि भगवान बुद्ध का धम्म दुनिया में सर्वोपरि है। अहिंसा, करुणा, दया तथा मानवता का संदेश देकर भगवान बुद्ध ने मानव को सत्य के मार्ग पर चलने का मार्ग बताया। 

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उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने कहा कि आपके पास जो कुछ भी है उसे बढ़ा चढ़ा कर मत बताइए और ना ही दूसरों से ईष्या कीजिए, घृणा से घृणा नहीं प्रेम से खत्म होती है। यह शाश्वत सत्य है, स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है और संतोष सबसे बड़ा धन है वफादारी सबसे बड़ा संबंध है। उन्होंने समस्त मानव जाति को जो संदेश दिया है उसे आत्मसात कर हम सभी मानवता, भाईचारा और प्रेम का वातावरण बना सकते हैं। 


 घुरहूपुर में बौद्ध महोत्सव वरिष्ठ पत्रकार सुशील त्रिपाठी के 30 सितंबर 2008 की बौद्ध स्थल की खोज के बाद से मनाया जा रहा है। 2 नवंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाने वाले बौद्ध महोत्सव में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिला के अलावा बिहार प्रांत से भी भारी संख्या में लोग शिरकत करते रहे हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय कई बौद्ध भिक्षु भी महोत्सव में भाग लेते रहे हैं तथा बौद्ध स्थल घुरहूपुर की खोज करने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुशील त्रिपाठी को याद किया जाता रहा है। मगर बीते पिछले वर्ष 2020 से कोविड-19 गाइड लाइन के पालन के चलते महोत्सव को स्थानीय लोगों द्वारा मात्र औपचारिकता पूरी करने के लिए मनाया जा रहा है।

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इस अवसर पर डॉक्टर सुनील मौर्य, रमाशंकर राजभर, महेंद्र राजभर, भंते चंदन, श्रवण कुमार, लालजी मौर्य, दशरथ, वासदेव, राजू ,भरत बिंद, सुभाष आदि लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन वशिष्ठ मौर्य ने किया।

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