लगता है बिजली विभाग भूल गया है लटके खम्भों को दुरुस्त करना
एक दशक से अधिक समय से दर्जनों लटके खम्भों से हो रही है हाईटेंशन बिजली की आपूर्ति
बराबर खतरे का बना रहता है आशंका
गेहूं और धान की कटाई के वक्त एक-एक पखवारे ठप रहती है बिजली की आपूर्ति
फिर भी विभाग खम्भों को नहीं कर रहा है ठीक
चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत निचोटकलां गांव से भुड़कुड़ा जाने वाले मार्ग के बीच में एक दर्जन से अधिक बिजली की खंभे लटके हुए हैं। इन खम्भों से हाईटेंशन बिजली की तार गुजरी हुई है। जिससे बराबर हादसे का आशंका बना रहता है। लगता है कि एक दशक से भी अधिक समय से लटके खम्भों को खड़ा करना बिजली विभाग भूल गया है।

बताते चलें कि दोनों गांव को हाईटेंशन तार से जोड़कर ग्रामीणों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए एक दशक पूर्व खेतों के रास्ते खंबे लगाए गए। ग्रामीण बताते हैं कि बिजली विभाग द्वारा खंभा लगाए जाने के बाद बारिश होते ही इस समय एक दर्जन से अधिक खंबे जमीन पर आ गए थे, जिसे विभागीय कर्मियों के साथ ग्रामीणों ने किसी तरह आधा अधूरा खड़ा करके आपूर्ति शुरू कराई थी। उसी वक्त से लेकर आज तक बिजली के खंबे लटके हुए हैं। खम्भों के बीच की दूरी सौ से डेढ़ सौ मीटर तक होने के कारण तार काफी नीचे तक लटके हुए हैं। जिसे आसानी से छुआ जा सकता है। हादसे की आशंका को देखते हुए खेतों में धान और गेहूं की कटाई के वक्त दोनों मौसम में एक-एक पखवारे तक आपूर्ति पूरी तरह से ठप कर दी जाती है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को दोहरा मार झेलने को मजबूर होना पड़ता है। बावजूद बिजली विभाग लापरवाह बना हुआ है।

ग्रामीणों का आरोप है कि खंबे को ठीक करने के लिए विभागीय जेई, एसडीओ से लेकर उच्चधिकारियों तक शिकायत की गई लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं किया गया जिससे ग्रामीण आक्रोशित है।
तौसीफ खान, मिंटू खान, राम अवध सिंह, महंथा पाण्डेय, जिया खान, पप्पू मौर्य, पीयूषकांत पाण्डेय, पवन कुमार आदि ग्रामीणों ने चेताया कि शीघ्र समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

इस संदर्भ में एसडीओ मिथिलेश बिंद ने कहा कि जर्जर खंभे व तार की जानकारी मुझे नहीं थी। अगर ऐसा तो आरडीएसएस के सेकेंड प्लान आने के बाद उसको दुरुस्त करा दिया जाएगा।
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