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बंदरों के आतंक से भयभीत हैं इस गांव के लोग, वन विभाग निष्क्रिय, ग्रामीणों को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से हैं उम्मीदें

 


 चंदौली जिला के इलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत खरौझा गांव में बंदरों के आतंक से इन दिनों लोग काफी परेशान है। रविवार की प्रात लोगों के घरों पर आए बंदरों के झुंड ने शीशेष विश्वकर्मा 23 वर्ष के हाथ पैर सहित शरीर के कई हिस्से में काटकर बुरी तरह जख्मी कर दिया। वही नजीम धोबी 22 वर्ष को भी काट घायल कर दिया। सूचना के बाद भी वन विभाग गांव में मात्र एक छोटा पिंजरा लगाकर कार्य की इतिश्री समझ लिया है। जबकि ग्रामीण बंदरों के आतंक से भय एवं आतंक के साए में जीने को मजबूर है। 

susma keshari
   बता दें कि पिछले वर्षों से सैकड़ों की संख्या में जंगलों से आए बंदरों का झुंड गांव में पूरी तरह से आतंक फैलाया हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि जैसे ही लोग अपने मकान के छत के ऊपर कोई सामग्री धूप में डालने या टहलने के लिए पहुंच रहे हैं कि बंदरों का झुंड उन पर आक्रमण कर दे रहे हैं।


 जिससे जयप्रकाश शर्मा, नवल शर्मा, निर्मला देवी, बृजबाला देवी, रौनक, चंदा देवी सहित दर्जनों लोगों को बंदर अपना निशाना बना चुके हैं। ग्रामीण बताते हैं कि कोई ऐसा घर नहीं है जिसके परिवार के किसी न किसी सदस्य को बंदर अब तक काटे ना हो। जिससे ग्रामीण पूरी तरह से भयभीत हैं। 

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गांव के राजन शर्मा, जयप्रकाश शर्मा एडवोकेट सहित कई लोगों का आरोप है कि गांव में बंदरों के आतंक की सूचना पिछले एक वर्ष से कई विभाग वन विभाग को दी जा चुकी है। बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। दस दिन पूर्व वन विभाग के कर्मचारी मात्र एक छोटा सा पिंजरा गांव में लगाकर चले गए। 


वन विभाग की रवैया से तंग आकर जयप्रकाश शर्मा ने रविवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा से मोबाइल फोन द्वारा सूचना देकर बंदरों के आतंक से छुटकारा दिलाए जाने का मांग किया हैं।

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