जरा इस पशु आश्रय स्थल का दौरा कर लीजिए मीणा साहब, जलजमाव से सांसत में रहने को मजबूर हैं बेजुबान
चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत सुल्तानपुर गांव मे बना गोवंश आश्रय में जलजमाव से बेजुबान सांसत में हैं। जिम्मेदार जल निकासी की व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है। यही हालत रही तो पशुओं की दम घुटने से मौत होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। जबकि विभाग जल जमाव की समस्या को दूर करने को लेकर असहाय दिख रहा है।
उन्होंने बताया परिसर की गहराई व जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। पानी निकासी की व्यवस्था के लिए नोडल अधिकारी को अवगत कराया गया है ।बावजूद पानी निकासी की व्यवस्था नहीं की गई। ग्रामीणों ने कहा सरकार बेसहारा बेजुबानों के संरक्षण के लिए भले ही संजीदा है लेकिन, पशुपालन विभाग गंभीर नहीं है
खुले आसमान के नीचे रहते हैं पशु
गोवंश आश्रय में पशुओं की संख्या निरंतर बढ़ रही है। व्यवस्था के नाम पर चंद टिन शेड लगाकर चरनी बनाई गई। अधिकांश पशु आसमान के नीचे रहने को विवश हैं। चारा, पानी का प्रबंध कागजों पर है। कीचड़ से बचने के लिए पशु परिसर में उछल कूद करते नजर आए। पशुओं में मुंहपका, खुरपका रोग फैलने की आशंका बनी है। वही परिसर में वर्षों से पड़ा गोबर का ढेर समस्या बना हुआ है। शिकायत के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि पिछले महीनों में जिलाधिकारी संजीव सिंह ने पशु आश्रय स्थल का निरीक्षण कर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। बावजूद कई महीने बीत गए समस्या जस की तस बनी हुई है। देखना है किपदाधिकारी की बातों को कब तक अमल में लाया जाता है और पशु आश्रय स्थल की स्थिति कब सुधरती है।
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