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गौ माता धर्म की आधार, उनकी सेवा से होती है सभी देवी देवताओं की सेवा - श्री शरण दास जी

श्रीमद्भागवत कथा के आठवीं निशा पर कथावाचक व्यास शरण दास जी ने गोपाष्टमी के पावन अवसर पर गौ महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गौ माता धर्म का आधार है।
 

गौ माता धर्म की आधार

उनकी सेवा से होती है सभी देवी देवताओं की सेवा

चंदौली जिले के चकिया तहसील अंतर्गत वनदेवी ग्राम में महावीर सेवा समिति द्वारा आयोजित वनदेवी माता मंदिर के प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के आठवीं निशा पर कथावाचक व्यास शरण दास जी ने गोपाष्टमी के पावन अवसर पर गौ महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गौ माता धर्म का आधार है।


उन्होंने कहा कि गौ माता चलते फिरते मंदिर है जिनमें सभी देवताओं का वास होता है। गौ माता की सेवा से सभी देवी देवताओं की सेवा हो जाती है, भगवान कृष्ण ने भी गौ माता की विशेष सेवा करके संसार को यह संदेश दिया कि गौ माता भगवान की भी आराध्या है और पूजनीय हैं। गौ माता की सेवा के कारण ही भगवान श्री कृष्ण का नाम गोपाल पड़ा,आज गौ माता की दयनीय दशा पर कथावाचक गोपाल शरण दास जी ने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि जो गौ माता हमें दूध देती है हमें निरोग काया प्रदान करती हैं उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करती हैं वहीं गौ माता आज सड़कों पर भटकती हुई मिलती है और उनकी यह दुर्दशा देख करके बहुत पीड़ा होती है। 

Shri Sharan Das ji
उन्होंने कहा कि हम सभी सनातनियों का यह दायित्व है कि गांव ब्राह्मण और अपने धर्म की रक्षा एवं सम्मान करें। कहां कि गोपाष्टमी के दिन ही भगवान कृष्ण ने गोचर लीला प्रारंभ की थी और भगवान ने गाय चराना प्रारंभ किया था यह पावन अवसर पर सभी को गौ सेवा अवश्य करनी चाहिए।


इस दौरान कथा में आयोजक मंडल के ओमप्रकाश पांडेय, धन्नु प्रजापति, राकेश सोनकर, डॉक्टर ओम प्रकाश शर्मा, सुनील रस्तोगी, डॉ प्रदीप मौर्या, अवधेश मौर्या, प्रमोद यादव, फेकू यादव, झन्ना पटेल, कैलाश पटेल, घुरहू विश्वकर्मा, गुलाब पाठक, बल्ली पाल सहित सैकड़ों भागवत कथा प्रेमी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन राजेश विश्वकर्मा उर्फ राजू कवि ने किया।

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