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देखे वीडियो : इलाके में फिर दिखा मगरमच्छ, ग्रामीणों ने पकड़ कर किया वन विभाग के हवाले

बुढ़वल गांव के माइनर में सोमवार की प्रात: मगरमच्छ देखे जाने से ग्रामीणों में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने घंटों अथक परिश्रम कर मगरमच्छ को रस्सी में बांधकर काबू में किया। दो घंटे बाद पहुंची वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को ले जाकर चंद्रप्रभा डैम में सुरक्षित छोड़ दिया।
 

गांव के माइनर में सोमवार की प्रात: मगरमच्छ देखे जाने से ग्रामीणों में सनसनी फैल गई।

नदी के किनारे खेत में सब्जी तोड़ रहे एक महिला को मगरमच्छ ने निशाना बनाया।

चंदौली जिला के चकिया कोतवाली अंतर्गत बुढ़वल गांव के माइनर में सोमवार की प्रात: मगरमच्छ देखे जाने से ग्रामीणों में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने घंटों अथक परिश्रम कर मगरमच्छ को रस्सी में बांधकर काबू में किया। दो घंटे बाद पहुंची वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को ले जाकर चंद्रप्रभा डैम में सुरक्षित छोड़ दिया। तब जाकर ग्रामीणों ने राहत का सांस लिया।

  आपको बता दें कि चकिया क्षेत्र का इलाका मगरमच्छ के लिए सेफ जोन बनता जा रहा है। यहां अक्सर मगरमच्छ रिहायशी इलाके की तरफ देखे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि चंद्रप्रभा डैम तथा बांधों से मगरमच्छ नदियों तथा माइनर तक पहुंच रहे हैं जो रिहायशी इलाके में जाकर लोगों में दहशत कायम किए हुए हैं।

   अभी एक माह पूर्व भीषमपुर गांव में नदी के किनारे खेत में सब्जी तोड़ रहे एक महिला को मगरमच्छ ने निशाना बनाया और अपने जबड़े में पकड़ कर उसे नदी में ले गया जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसके पूर्व भी मगरमच्छ के हमले से कई लोगों की जान जा चुकी है।

    सोमवार की सुबह भी बुढ़वल गांव के माइनर में इसी तरह एक मगरमच्छ दिखाई दिया। गांव के पूर्व प्रधान गुप्त नाथ खेत की तरफ जा रहे थे इसी बीच माइनर में मगरमच्छ को देखकर सहम गए और इसकी जानकारी गांव वालों को दी।जानकारी होते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया और देखते ही देखते माइनर के पास ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। ग्रामीणों ने माइनर में मगरमच्छ होने की सूचना वन विभाग को दी।

 काफी देर तक जब वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची तो ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए जाल और रस्सी के सहारे घंटों प्रयास कर मगरमच्छ को रस्सी में बांधकर काबू में कर लिया। सूचना के 2 घंटे बाद पहुंची वन विभाग की टीम ग्रामीणों द्वारा रस्सी में बांधकर पकड़े गए मगरमच्छ को ले जाकर चंद्रप्रभा डैम में सुरक्षित छोड़ दिया। तब जाकर ग्रामीणों ने राहत का सांस लिया।

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