दो हजार किसानों का सत्यापन लंबित, 6216 ने कराया पंजीकरण, ADM करेंगे सत्यापन
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चंदौली जिले में प्रशासनिक अमला इस समय पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटा है। ऐसे में गेहूं विक्रय के लिए किसानों का सत्यापन अटक गया है। किसान पंजीकरण कराकर सत्यापन का इंतजार कर रहे हैं ताकि केंद्रों पर अनाज बेचने के लिए नंबर लगाकर टोकन प्राप्त कर सकें। जिले में दो हजार से अधिक किसानों का सत्यापन अभी अटका हुआ है। इससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शासन के निर्देश के मुताबिक एक अप्रैल से ही गेहूं खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए कृषि प्रधान जनपद में 6216 किसानों ने खाद्य व रसद विभाग की वेबसाइट पर आनलाइन पंजीकरण कराया है। हालांकि अभी तक दो हजार से ज्यादा किसानों के पंजीकरण का सत्यापन नहीं हो सका है। इसके लिए किसान तहसीलों में चक्कर काट रहे हैं।
दरअसल, राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी फिलहाल पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। उनके पास समय ही नहीं कि किसानों के आवेदन का सत्यापन करें। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा। सत्यापन होने के बाद ही किसान क्रय केंद्रों पर नंबर लगाकर टोकन प्राप्त कर सकेंगे। जिले में गेहूं की फसल अब पककर तैयार हो गई है। मौसम भी बिगड़ रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश व आंधी के चलते किसान सशंकित हैं। अनाज की बिक्री सुनिश्चित हो तो तत्काल इसकी कटाई और मड़ाई कराएं।
अपर जिलाधिकारी करेंगे सत्यापन
शासन ने इस बार आवेदनों के सत्यापन की प्रक्रिया में बदलाव किया है। 12 एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों का सत्यापन अपर जिलाधिकारी करेंगे। इसमें कम जमीन वालों का सत्यापन एसडीएम स्तर से किया जाएगा। दरअसल, किसान जमीन के फर्जी दस्तावेज लगाकर पंजीकरण करा लेते थे। इसके बाद क्रय केंद्रों पर अनाज बेच देते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए सत्यापन की प्रणाली में बदलाव किया गया है।
जिले में गेहूं बेचने के लिए अभी तक 6216 किसानों ने पंजीकरण कराया है। इसमें दो हजार किसानों के पंजीकरण का सत्यापन नहीं हो सका है। जिन किसानों के पंजीकरण का सत्यापन हो चुका है, उन्हें नंबर लगाने के बाद टोकन जारी किया जा रहा है।
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