चंदौली जिले के डॉ. बृज किशोर प्रसाद का तबादला निरस्त, डॉ. प्रभात कुमार गए कुशीनगर
जिलाबड़े लेवल की जांच के बाद तबादलों में संशोधन
कई के तबादले निरस्त हुए
कई को दूसरे जगहों पर मिली तैनाती
चंदौली जिले के डॉक्टरों के तबादले में हुई गड़बड़ी के बाद अब उन डॉक्टरों के तबादले को रद्द करने की कार्यवाही की गई है। जिले के दो डॉक्टरों के मामले में गड़बड़ियां पाई गई थीं। इस के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। जिसमें एक डॉक्टर के तबादले को रद्द कर दिया गया है तथा दूसरे डॉक्टर के तबादले को निरस्त करते हुए उन्हें पुनः दूसरे जिले में तैनात करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
बता दें कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग लेबल -2 व उनके ऊपर के 25 डॉक्टरों के तबादले को निरस्त किया गया है।
आप याद होगा कि सभी डॉक्टरों के स्थानांतरण शासन स्तर पर किए गए थे। कई लोगों के तबादले 30 जून 2022 को गलत ढंग से किए गए थे। चिकित्सक गलत तबादले को लेकर विरोध कर रहे थे। इसको देखते हुए आखिरकार शासन स्तर पर इस गड़बड़ी को स्वीकार करते हुए गलत ढंग से हुए स्थानांतरण को रद्द करने का फैसला किया है और नए आदेश जारी किए हैं।
सरकार के अफसरों के द्वारा गलत तरीके से आदेश के लखीमपुर खीरी में तैनात रहे डॉ रजनीश मोहन गुप्ता का 26 जुलाई 2022 को निधन हो चुका है। सरकार की ओर से उनका स्थानांतरण शाहजहांपुर किया गया था और उनको जबरन रीलीव करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था, जिससे वह बीमार हो गए और उनकी मौत हो गयी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए इस गलत स्थान्तरण को निरस्त करते हुए जिसमें चंदौली जिले के डॉक्टर बृज किशोर प्रसाद का तबादला कौशांबी कर दिया गया था, जो कि दिव्यांग के कैटेगरी में आते हैं। वहीं उनके तबादले को निरस्त करने के साथ ही साथ प्रदेश के 25 डॉक्टरों के तबादले को रद्द किया गया है। दांपत्य नीति का पालन करने में चूक होने के कारण चंदौली जिले में तैनात डॉ प्रभात कुमार को चंदौली से कुशीनगर तैनात करने का कार्य किया गया है। इनके साथ ही साथ पांच अन्य डाक्टरों को भी अलग अन्य जनपद में तैनाती दी गई है।
सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रविंद्र की ओर से तबादले निरस्त व संशोधित किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं।
पहले स्वास्थ्य महानिदेशक ने गड़बड़ी को लेकर लेवल-2 और उनके ऊपर वाले 48 डॉक्टरों के तबादले कर दिए जबकि वह केवल लेवल-1 के डॉक्टरों का ही तबादले कर सकते थे। बीते दिनों शासन स्तर से गड़बड़ी उजागर होने पर 17 डाक्टरों और गुरुवार को कुल 25 डॉक्टरों के तबादले निरस्त कर दिए गए।
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