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सहकारी समितियों पर खाद नहीं होने से परेशान होंगे किसान, बाजार में देना होगा अदिक दाम

इफ्को सेवा केंद्र हैं। यहां पर उर्वरक की बिक्री की जाती है। सहकारी समितियों पर उर्वरक के उपलब्धता की बात करें तो 8400 मेट्रिक टन यूरिया के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
 

सरकारी अफसरों का पर्याप्त खाद होने का दावा,  जनपद में उर्वरक की कोई कमी नहीं

 

चंदौली जिले में बारिश होने के साथ ही धान की खेती में किसान जुट गए हैं। आवश्यकता के समय सहकारी समितियों पर यूरिया या तो नदारद है या काफी कम मात्रा में है। सहकारी समितियों पर खाद नहीं होने से किसानों को खेती के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

जिले में 83 सहकारी समितियां और छह से अधिक इफ्को सेवा केंद्र हैं। यहां पर उर्वरक की बिक्री की जाती है। सहकारी समितियों पर उर्वरक के उपलब्धता की बात करें तो 8400 मेट्रिक टन यूरिया के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसमें टोटल 820 मैट्रिक टन उपलब्धता बिक्री केंद्र और बफर स्टॉक में है। इसमें 480 बिक्री केंद्रों पर और 340 बफर स्टॉक में है। 

वहीं डीएपी का 5069 मैट्रिक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें कुल उपलब्धता 5047 मेट्रिक टन है। जिसमें बिक्री केंद्र पर 5047और 400 मेट्रिक टन का बफर स्टॉक है। एमओपी 16 मेट्रिक टन बिक्री केंद्र पर उपलब्ध है लेकिन इसका लक्ष्य निर्धारित नहीं है। वही एनपीके की 290 मेट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन 1275 मेट्रिक टन केंद्र पर और 136 मेट्रिक टन का बफर स्टॉक है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकारी केंद्रों पर उर्वरक की उपलब्धता कम है, लेकिन निजी केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है।

Fertilizers

इस बारे में जिले के जिला कृषि अदिकारी बसंत दुबे का कहना है कि जनपद में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। उर्वरक की उपलब्धता सरकारी केंद्रों पर कम है, लेकिन निजी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। जनपद में जल्द ही सरकारी उर्वरक केंद्रों पर भी पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध होने की उम्मीद है।

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