केंद्र सरकार द्वारा वादाखिलाफी करने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने दिया राष्ट्रपति के नाम DM को ज्ञापन
चंदौली जिले में आज संयुक्त किसान मोर्चा ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया। संयुक्त किसान मोर्चा क्रमशः भारतीय किसान यूनियन(अराजनैतिक),अखिल भारतीय किसान सभा, आल इंडिया किसान सभा, किसान विकाश मंच और अन्य संगठनों ने धरना स्थल पर पंचायत कर,पैदल मार्च कर जिला मुख्यालय पर पहुंचे।
जिलाधिकारी के प्रतिनिधि उप जिला अधिकारी, नौगढ़ जो कार्यवाहक कलेक्ट्रेट की ड्यूटी भी कर रहे है, उनके सामने समस्याओं को रखा और ज्ञापन दिया। सक्षम अधिकारी ने कहा कि ज्ञापन राष्ट्रपति महोदय को आज ही फैक्स कर दिया जाएगा। साथ ही एक और ज्ञापन जो वर्दीसाडा के आदिवासियों (मुसहर) की समस्याओ को लेकर था,सौंपा गया।
उप जिलाधिकारी नौगढ़ ने कहा कि जल्द ही एक टीम वर्दीसाड़ा गांव का दौरा करेगी। ज्ञापन देने वालों में भारतीय किसान यूनियन के मंडल अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप तिवारी,जिला अध्यक्ष सतीश सिंह चौहान,युवा जिला उपाध्यक्ष रंकज सिंह, तहसील अध्यक्ष गोपाल सिंह,ब्लाक अध्यक्ष मनोज यादव अखिल भारतीय किसान सभा के यादव आल इंडिया किसान सभा के अनिल पासवान और किसान विकाश मंच के रामअवध सिंह उपस्थित थे।
भारतीय किसान यूनियन के मंडल प्रवक्ता और संयुक्त किसाम मोर्चा,उत्तर प्रदेश के सदस्य मणि देव चतुर्वेदी ने विस्तार से बताया कि मोर्चा उठाये जाने के बाद से किसानो से लगातार हो रही वादाखिलाफी के खिलाफ रोष पत्र माननीय राष्ट्रपति महोदय के जरिये, देश भर के किसान सरकार के प्रति रोष पहुँचाना चाहते हैं। जबसे "संयुक्त किसान मोर्चा" ने सरकार के आश्वासन पर भरोसा कर दिल्ली बॉर्डर से अपने मोर्चे उठाने का ऐलान किया, उसके बाद से सरकार अपने वादों से मुकर ही नहीं गयी है बल्कि किसानो के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम भी कर रही है। इसलिए पूरे देश के किसानों ने 31 जनवरी 2022 को विश्वासघात दिवस मनाया था और हर जिले से ज्ञापन भेजा था।
किसानों को बहुत अफ़सोस है कि उस ज्ञापन से अब तक हालात में विशेष बदलाव नहीं हुआ है, बल्कि स्थिति और बिगड़ी है।कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री संजय अग्रवाल ने 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के नाम एक पत्र (सचिव/ऐएफडब्लू/2021/मिस/1) में वादा किया था कि देश के किसानों को एमएसपी मिलना कैसे सुनिश्चित किया जाय,इसपर एक कमिटी बनायी जाएगी। अब तक सरकार ने न तो कमेटी के गठन की घोषणा की है, और न ही कमेटी के स्वरूप और उसकी मैंडेट के बारे में कोई जानकारी दी है।
सरकार का वादा था कि आन्दोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे "तत्काल प्रभाव से वापिस लिये जायेंगे"। अब तक सिर्फ हरियाणा सरकार ने कुछ कागजी कार्यवाई की है और केस वापिस लेने के कुछ आदेश जारी किए हैं। लेकिन हरियाणा में यह काम अभी भी अधूरा है, किसानों को अब भी सम्मन आ रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी की वह 54 में से 17 केस वापिस लेगी, लेकिन अभी तक न कोई सूचना है कि कौन से के वापिस लिए जायेंगे, न ही कोई सफाई है की बाकी केस वापिस क्यों नहीं होंगे।इस दशा में सरकार के इस उदासीनता के चलते किसानों में रोष ब्याप्त है। इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा,चंदौली आज शांतिमय तरीक़े से भारी संख्या जिला मुख्यालय पर पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन मार्च में राजेश सिंह(एडोकेट),हाकिम खान,सुरेंद्र यादव, दशरथ राम,जीउत बनबासी,गोविंद बनबासी,रामबाबू बनबासी,लालमन चौहान,छोटू चौहान(मोछू) इंद्रजीत मिश्रा आदि आदि रहे। आज के पंचायत का संचालन गोपाल सिंह और अध्यक्षता लालमन चौहान ने किया।
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