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तालाब को घोषित कर दिया गया ग्राम पंचायत की सम्पत्ति, लोगों का था कब्जा

चंदौली जिले के बरहनी विकास खंड के ओयरचक गांव के आराजी नम्बर 350 पर बने तालाब का पट्टा समाप्त होने के बाद लोगों के कब्जे को खत्म कराने के लिए तहसीलदार सदर के आदेश पर लेखपाल ने अपने जांच आख्या में तालाब को गांव की संपत्ति घोषित कर मछली मारने व उसके मरम्मत का अधिकार ग्राम पंचायत को दिया है।
 

मछली मारने व उसके मरम्मत का अधिकार ग्राम पंचायत को दिया

मरम्मत के लिए उसे खाली करने को कहा गया तो दबंग मारपीट पर उतारू हो गए

चंदौली जिले के बरहनी विकास खंड के ओयरचक गांव के आराजी नम्बर 350 पर बने तालाब का पट्टा समाप्त होने के बाद लोगों के कब्जे को खत्म कराने के लिए तहसीलदार सदर के आदेश पर लेखपाल ने अपने जांच आख्या में तालाब को गांव की संपत्ति घोषित कर मछली मारने व उसके मरम्मत का अधिकार ग्राम पंचायत को दिया है। अब तालाब की मछली मारकर उस पैसे से गांव का विकास कार्य कराया जाएगा।

आपको बता दें कि मामले में बीते 7 अप्रैल को ओयरचक ग्राम प्रधान जयशंकर सिंह ने उपजिलाधिकारी सदर चन्दौली को प्रार्थना पत्र देकर तालाब को ग्राम सभा की संपत्ति घोषित किए जाने की मांग की थी। ग्राम प्रधान ने एसडीएम को दिए प्रार्थना पत्र में कहा था कि इस तालाब का पट्टा 10 वर्षों के लिए ककरैत निवासी गौतम को किया गया था। जो बीते वर्ष 12 जुलाई को ही समाप्त हो गया है। उस तालाब पर गांव के कुछ दबंग लोग अवैध कब्जा कर उसका उपभोग कर रहे थे।

कहा गया था कि जब ग्राम प्रधान द्वारा तालाब की मरम्मत के लिए उसे खाली करने को कहा गया तो दबंग मारपीट पर उतारू हो गए। जिस पर ग्राम प्रधान ने उपजिलाधिकारी से गुहार लगाया था। 

इस पर उपजिलाधिकारी ने तहसीलदार सदर से नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया था। इस पर तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक व हल्का लेखपाल से जांच आख्या मांगी थी। अब उसी के हिसाब से कार्रवाई करके इस पर ग्राम पंचायत का स्वामित्व बता दिया गया।

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