गिरफ्तारी के बाद आरोपितों को छोड़ने पर किया गया विरोध प्रदर्शन, जाने पूरा मामला
चंदौली जिले के बर्थराकलां गांव में मेड़ पर चलने के विवाद में दलितों की रिहायशी मड़ई फूंकने का मामला तूल पकड़ने लगा है। भाजपा माले कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जिला मुख्यालय पर जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शित किया। वहीं एफआईआर दर्ज होने व गिरफ्तारी के बाद आरोपितों को रिहा किए जाने को गलत करार दिया है। पुलिस की कार्यप्रणाली की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग भी की गयी है ।
इस संबंध में माले नेता श्रवण कुशवाहा ने कहा कि बर्थराकलां गांव में मारपीट की घटना के बाद तनाव की स्थिति है। पीड़ित दलित परिवार डरा-सहमा है। मुकदमा दर्ज करने में लीपापोती कर आरोपितों को छोड़ देने तक में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। जिला सचिव अनिल पासवान ने कहा कि चंदौली व आजमगढ़ से लेकर लखीमपुर खीरी तक दलितों व महिलाओं पर हमले किए जा रहे हैं। भाजपा सरकार के कानून व्यवस्था की पोल खुलने लगी है।
आप को बता दें कि चकिया तहसील के गढ़वा ताजपुर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के तीन दिन बाद भी स्वास्थ्य परीक्षण के लिए मेडिकल टीम के नहीं जाने पर नाराजगी जतायी। अंत में कलक्ट्रेट पहुंचकर पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।
इस मौके पर किस्मत यादव, रामदुलार बिंद, शशिकांत सिंह, कृष्णा राय, तिलकधारी बिंद, किशन राम, संजय यादव, धर्मेंद्र मौर्य, चंदन गुप्ता, रज्जब अली शामिल रहे।
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