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चिरईगांव के धान केंद्र पर बिचौलियों से खरीदने का आरोप, किसानों ने किया प्रदर्शन

वहीं किसानों का कहना है कि दो कांटे चला कर  धान की खरीदारी की जाती है, जबकि दो कांटों पर  केवल अंगूठा लगाने का काम किया जाता है ।जिसके कारण बिचौलियों की चांदी कट रही है।
 
 

धान क्रय केंद्र प्रभारी दे रहे हैं तरह-तरह की दलील

200 से 400 कुंटल धान मात्र की होती है खरीदारी

किसानों का है आरोप दो कांटों से ही होती है केंद्र पर खरीदारी

चंदौली जिले के चिरईगांव स्थित राजकीय धान क्रय केंद्र पर हो रहे गोलमाल को देखकर अधिकारियों एवं मीडिया से किसानों ने शिकायत कर क्रय केंद्र की सच्चाई को उजागर कर दिया है। बताया कि विभाग का चिरईगांव में और केंद्र संचालित हैं, जबकि यहां चार कांटे से प्रतिदिन खरीदारी होनी चाहिए लेकिन दो ही कांटे से खरीदारी कर अन्य कागजी कार्यवाही को दलालों एवं मिल के माध्यम से पूर्ण करने का आरोप लगाया गया ।

dhan khareed kendra

आपको बता दें कि चिरईगांव में बने खाद्य  विभाग के राजकीय धान क्रय केंद्र पर किसानों के धान की खरीदारी में अनियमितता पाए जाने पर किसान लामबंद होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। किसानों का आरोप है कि इस केंद्र पर चार कांटे चलने चाहिए जबकि यहां नित्य दो ही कांटे से खरीदारी की जाती है । जिसके कारण यहां की किसानों के केवल 200 से 400 कुंटल धान की खरीदारी होती है ।

dhan khareed kendra

 इस संबंध में केंद्र प्रभारी से कोई शिकायत करता है तो किसानों को दो टूक जवाब मिलता है कि आप मेरे अधिकारी नहीं हैं,  मैं चाहे जो करूं ।
वहीं किसान ने बताया कि केंद्र प्रभारी द्वारा पहले मुझे बुलाया गया और बाद में मेरा धान लेने से इनकार कर दिया गया, जिसकी शिकायत डिप्टी आरएमओ से करके इस केंद्र की जांच की मांग की ।

वहीं किसानों का कहना है कि दो कांटे चला कर  धान की खरीदारी की जाती है, जबकि दो कांटों पर  केवल अंगूठा लगाने का काम किया जाता है ।जिसके कारण बिचौलियों की चांदी कट रही है।
 dhan khareed kendra
इस संबंध में क्रय केंद्र प्रभारी शैलेंद्र कुमार निगम ने बताया कि हर दिन चार कांटों से खरीदारी की जाती है, लेकिन बिजली न होने के कारण दो कांटों का प्रयोग किया जाता है, जिसे कहीं ना कहीं यह बात स्पष्ट हो जाती है कि कुछ ना कुछ इस केंद्र पर गोलमाल चल रहा है।

अब देखना है कि धान क्रय केंद्र पर हो रहे गोरख धंधे की जांच उच्च अधिकारियों द्वारा किस प्रकार की जाती है और किसानों को मिलने वाली राहत से कैसे लाभान्वित किया जाता है।

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