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किसानों में धान व अरहर के बीज का वितरण कर खेती के बारे में दी गयी जानकारी

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के जिला मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन शुक्रवार को हुआ। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को धान व अरहर प्रजाति के उन्नत बीज का वितरण किया गया। साथ ही खरीफ सीजन की खेती के बारे में भी जानकारी दी गयी । बोआई से पहले बीज को शोधित करने
 
किसानों में धान व अरहर के बीज का वितरण कर खेती के बारे में दी गयी जानकारी

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चंदौली जिले के जिला मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन शुक्रवार को हुआ। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को धान व अरहर प्रजाति के उन्नत बीज का वितरण किया गया। साथ ही खरीफ सीजन की खेती के बारे में भी जानकारी दी गयी । बोआई से पहले बीज को शोधित करने के टिप्स दिए गए। ताकि फसल में रोग का असर न होने पाए।

बताते चलें कि जिले में लगभग 1.25 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि में खरीफ की खेती होती है। किसान धान के साथ ही अरहर, ज्वार आदि की खेती करते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से किसानों को उन्नत खेती के बारे में जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। उन्हें खेती की बारीकियां सिखाई गईं। वहीं स्ट्रेप्टोसाइक्विन, ट्राइकोडर्मा व कार्बेंडाजिन से बीज को शोधित जरूर कर लें। शोधित बीज की बोआई करने से फसल में रोग की आशंका नहीं रहेगी। फसल रोग रहित होगी और बेहतर उत्पादन भी होगा।

इस दौरान कृषि विज्ञानी डाक्टर समीर पांडेय ने कहा, धान की नर्सरी डालने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर लें। वहीं घास व खर-पतवार का भी उपचार कर लें। इसके बाद भुरभुरी मिट्टी में नर्सरी डालें। इससे बीज का अंकुरण अच्छा होगा। वहीं बेहतर नर्सरी तैयार होगी। 25 से 30 दिन के अंदर नर्सरी के पौधों की रोपाई कर देनी चाहिए। ज्यादा दिन के पौधों की रोपाई करने पर फसल का विकास सही ढंग से नहीं हो पाता है।

इस मौके पर डाक्टर एसपी सिंह, डाक्टर रितेश गंगवार आदि लोग मौजूद रहे।

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