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बाल शिशु गृह की व्यवस्थाओं पर नाराज हुए चेयरमैन, बोले- संचालक पर होगी कार्रवाई

डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए सरकार बेहद संवेदनशील रही है। बच्चों को ₹4000 मासिक के भुगतान किए जाने के साथ-साथ पठन-पाठन के लिए लैपटॉप का वितरण किया जा रहा है।
 

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र शर्मा

चंदौली जिले का दौरा कर किया निरीक्षण

कई विभागीय योजनाओं की समीक्षा

अधिकारियों को दिए निर्देश

 चंदौली जिले की बाल संरक्षण इकाई को और बेहतर बनाने के लिए तथा उसमें बच्चों के संरक्षण किए जाने के लिए चंदौली जिले के दौरे पर आए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जिले के बाल शिशु गृह में तमाम खामियां मिली हैं संचालक के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाएगी, ताकि बच्चों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं हो सके।
इस दौरान डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने कहा कि ऐसे केंद्रो के परिसर के साथ-साथ स्कूलों-कॉलेजों के दायरे से 100 मीटर दूरी पर सिगरेट, बीड़ी, गुटका, पान व नशे से संबंधित पदार्थ की बिक्री को रोक लगाने का आदेश है। इस पर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सख्ती के साथ अमल करना होगा। तभी बच्चों के भविष्य को बचाया जा सकता है।
डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए सरकार बेहद संवेदनशील रही है। बच्चों को ₹4000 मासिक के भुगतान किए जाने के साथ-साथ पठन-पाठन के लिए लैपटॉप का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा जो बच्चे भी भिक्षावृत्ति जैसे चीजों में जुड़े हैं, उन्हें शिक्षा से जोड़ने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा सजायाफ्ता माता-पिता के बच्चों को भी ढाई हजार रुपए देकर पढ़ने लिखने की तैयारी की जा रही है।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि राइट टू एजुकेशन के तहत गरीब बच्चों को प्राइवेट विद्यालय में पढ़ने का नियम सख्ती से लागू होना चाहिए और ऐसे स्कूल जो इस तरह के बच्चों को लेने में आनाकानी कर रहे हैं, उनके खिलाफ तेजी से कार्यवाही होनी चाहिए।

 डॉ देवेंद्र शर्मा ने यह भी बताया कि कस्तूरबा गांधी विद्यालय में शिक्षा के गुणवत्ता के साथ-साथ वहां के रहन-सहन को भी बेहतर किए जाने की जरूरत है, ताकि बालिकाओं को अच्छी शिक्षा मिल सके। सभी विद्यालय परिसर में मलेरिया की दवा का छिड़काव करने तथा बीमारियों से मुक्त रहने के लिए साफ सफाई की व्यवस्था करने की जरूरत है। इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इलाके के संबंधित में अस्पतालों को निर्देश देना चाहिए। इसके अलावा डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने जिले के आला अधिकारियों के साथ मीटिंग करके विभाग संबंधी योजनाओं की समीक्षा की।

 इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी एस एन श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक सुखराम भारती तथा अन्य अधिकारी गण मौजूद रहे।

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