तेज बारिश से किसानों को मिली राहत, बचेगी सूख रही धान की फसल, शुरू हो गयी रोपाई
मानसून की सक्रियता से किसानों ने शुरू की रोपाई
पानी भरे खेतों में दिखने लगे किसान
सरकारी संसाधनों में कम होगी निर्भरता
चंदौली जिले के साथ साथ पूर्वांचल के कई जिलों में एक बार फिर से मानसून के सक्रिय होने से बारिश का दौर शुरू हो गया है। कहीं बूंदाबांदी हो रही है तो कहीं तेजी से बारिश का सिलसिला जारी है। इस बारिश से किसानों को राहत मिली है। खेती बारी करने वाले चंदौली के किसानों के चेहरे खिल गए हैं। जनपद में पिछले दो दिनों से मानसून की सक्रियता के कारण धान की रोपाई के कार्य में तेजी आ गई है और किसानों को धान की फसल को बचाने की चिंता से थोड़ी राहत मिली है।
बताया जा रहा है कि लगातार बारिश से किसान सुबह ही खेतों की ओर कूच कर जा रहे और श्रमिकों के साथ शाम तक रोपाई का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। बारिश के कारण किसानों के चेहरों पर खुशी देखी जा रही है। हालांकि विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण गांवों में पर्याप्त बिजली नहीं मिलने के कारण किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
कृषि प्रधान जनपद में मानसून की बेरुखी के कारण खरीफ की प्रमुख फसल धान की खेती का कार्य पिछड़ने लगा था, क्योंकि इस चालू सीजन में 1.16 लाख हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक जिले में मात्र पचास फीसदी किसानों ने ही धान की रोपाई की है। शेष किसान पानी की आस में आसमान निहार रहे हैं, क्योंकि सिंचाई के संसाधन फेल होते जा रहे थे।
किसानों के प्रदर्शन व शिकायक के बाद अब जाकर सिंचाई महकमा एक्टिव होने का दावा कर रहा है, जिले की सिंचाई व्यवस्था फेल होने व अफसरों द्वारा कोई सकारात्मक जवाब न देने पर चंदौली के सांसद व कैबिनेट मंत्री ने 3 दिन के भीतर सभी विभागों को अपनी कार्य योजना जिलाधिकारी को देने के लिए कहा था, जिससे लोगों को यह पता लग सके कि जिले में सिंचाई को लेकर किस इलाके में क्या होने वाला है।
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