चंदौली में तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, तटवर्ती ग्रामीणों में दहशत का माहौल
चंदौली जिले में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार को जलस्तर 59.14 मीटर रिकार्ड किया गया। इससे तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। तटवर्ती ग्रामीण हर साल कटान और बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं। दोबारा इसकी आशंका से सशंकित हो गए हैं।
गंगा के किनारे नियामताबाद, चहनियां और धानापुर ब्लाक के चार दर्जन से अधिक गांव बसे हुए हैं। पर्वतीय इलाकों में बादल फटने के बाद लगातार बारिश से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। शुक्रवार को 59.14 मीटर रिकार्ड किया गया था। हालांकि यह खतरे के निशान से अभी 11 मीटर नीचे है, लेकिन जब जलस्तर में वृद्धि शुरू होती है तो खतरा का निशान छूने में देर नहीं लगती। इसलिए तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों में डर का माहौल है।
दरअसल, क्षेत्र के भूपौली, डेरवां, महड़ौरा, कांवर, पकड़ी, महुअरियां, विशुपुर, महुआरी खास, सराय, बलुआ, डेरवाकला, महुअर कला, हरधन जुड़ा, गंगापुर, पुराबिजयी , पुरागणेन, चकरा, सोनबरसा, टांडाकला, महमदपुर, सरौली, तिरगांवा, हसनपुर, बड़गांवा, नादी-निधौरा, सहेपुर समेत अन्य गांवों के ग्रामीण हर साल बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं।
आप को बता दें कि गंगा का पानी गांव में घुस जाता है। यहां तक कि घरों में भी पहुंच जाता है। वहीं जब जलस्तर घटने लगता है तो अपने साथ दर्जनों एकड़ जमीन व खेत लेकर जाता है। किसानों की उपजाऊ जमीन गंगा में समाहित हो जाती है। खेतों में खड़ी फसल भी बाढ़ की भेंट चढ़ जाती है। इससे ग्रामीणों के सामने सिर्फ रोजी-रोटी का संकट ही नहीं खड़ा हो जाता, बल्कि पशुओं के लिए चारे का प्रबंध करना भी दुश्वार हो जाता है। '
इस सम्बन्ध में एडीएम अतुल कुमार ने बताया कि गंगा का जलस्तर अभी खतरे के निशान से काफी नीचे है। ऐसे में ग्रामीणों को घबराने की जरूरत नहीं। प्रशासन ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तत्पर है। बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं प्रशासनिक अमला भी सजग है।
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