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गोरारी के ग्रामीणों के लोगों के लिए बड़े आन्दोलन की तैयारी, 4 दिन से जारी है धरना

पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने थाना बबुरी में तहरीर दिया था। मौके से दबंग को गिरफ्तार कर जेसीबी को सीज कर दिया गया।
 

गरीबों की मदद करना नहीं है जिला प्रशासन की प्राथमिकता

राजनेताओं के दबाव में नहीं हो रही है कार्रवाई

विरोधी पार्टियों के नेताओं ने साधी है चुप्पी

किसान यूनियन लड़ रहा है लड़ाई

चंदौली जिले के गोरारी गांव के पीड़ितों की मदद करने की न तो जिला प्रशासन की मंशा दिख रही है और न ही न्याय की उम्मीद। फिर भी लोग जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अपनी मांग के लिए अड़े हुए हैं और दबंगों की करतूत के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

गोरारी गांव में दबंगों के द्वारा कुछ लोगों के घरों को बुलडोज़र द्वारा जमीदोंज करने के बाद मड़ई में आग लगा दी गयी थी। साथ ही 190 घरों के 1200 परिवार के आने-जाने के मार्ग को मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया था। इसको लेकर पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने थाना बबुरी में तहरीर दिया था। मौके से दबंग को गिरफ्तार कर जेसीबी को सीज कर दिया गया। इस प्रकरण को लेकर पीड़ित परिवार और गाँव के लोग जिलाधिकारी ईशा दुहन से मिलकर अपनी ब्यथा सुनायी और न्याय की गुहार लगायी, लेकिन केवल आश्वासन देकर टरका दिया गया।

पीड़ित मुन्शी चौहान ने कहा कि बिना किसी नोटिस के हमारे घरों को उजाड़ा गया, सैकड़ों सालों से आने जाने वाले मार्ग को मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया। जिससे घर से निकलने वाले नाबदान का पानी गलियों में इकठ्ठा होकर दुबारा घरों में वापिस होने लगा है। जिसके वजह से बच्चे बीमार हो रहे हैं। गांव के लोगों का जीवन जीना दूभर हो गया है। हम गांव वालों को किसी व्यक्ति विशेष की जमीन से कोई लेना देना नहीं  है, बस प्रशासन से गुजारिश है कि  190 घरों के 1200 लोगों को आने जाने का मार्ग और पानी निकासी की व्यवस्था कर दे। जो शासन-प्रशासन का कर्तव्य है, नहीं तो हम ग्रामीण पलायन को मजबूर होंगे।

इस बात पर जिलाधिकारी  ने रास्ता और पानी निकलने का पूरा आश्वासन दिया था। पर लगभग 20 दिन बीत जाने पर कोई निदान नहीं हुआ। इस बीच गांव के लोग अपने परिवार के साथ 23 जनवरी को पलायन कर जिला मुख्यालय पहुंचकर धरना दिया तो अपर जिलाधिकारी उमेश मिश्र और उप जिलाधिकारी सदर ने दोबारा आश्वासन दिया, लेकिन वह कोरा साबित हुआ।

अब ग्रामीण अपने मय परिवार के साथ 4 दिनों से जिला मुख्यालय के गेट पर बच्चों, बहुओं, बुजुर्गों के साथ टेंट लगाकर डेरा डाले हुएं हैं, ताकि जिला प्रशासन की नींद खुले और उनकी मदद की जाय। भाकियू टिकैत के मंडल प्रवक्ता मणि देव चतुर्वेदी ने कहा कि यूनियन पीड़ित, शोषितों वंचितों और जरूरतमंदों के साथ मजबूती से खड़ी है। चूंकि विपक्ष नजर नहीं आ रहा, इसलिए आज यूनियन विपक्ष का काम कर रहा है। गोरारी समस्या को लेकर जिला कार्यकारिणी शीर्ष नेतृत्व से लगातार संपर्क में है। जल्द ही इसे आंदोलन का रूप दिया जाएगा।

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