गरीब पिता के सपनों को साकार करेगा गोविन्द, कैंपस से हो गया बीईएल में सेलेक्शन
पिपरी गांव का रहने वाला गोविंद
कमालपुर से पढ़ाई करने के बाद पॉलिटेक्निक में हुआ था सेलेक्शन
कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मिला है सेलेक्शन
चंदौली जिले के रहने वाले छात्र का राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से हुए कैंपस सलेक्शन में 6 विद्यार्थियों का भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) में चयन हो गया है। इसमें चंदौली जिले का एक होनहार छात्र शामिल है। इन सभी चयनित विद्यार्थियों को अधिकतम 11.50 लाख रुपये वार्षिक का पैकेज मिलेगा।
बताते चलें कि चयनित विद्यार्थियों को कैंपस सेलेक्शन के जरिए लाखों रुपये वार्षिक का पैकेज पर सेलेक्ट किया गया है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) एक भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जो भारतीय सशस्त्र बलों और अन्य क्षेत्रों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद और सिस्टम बनाती है। कंपनी की ओर से केएनआईटी में बुधवार को कैंपस चयन का आयोजन किया गया था। जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स व मैकेनिकल के तीन-तीन छात्र छात्राओं का चयन किया गया है।
इस सेलेक्शन में चंदौली जिले के पिपरी गांव के रहने वाले गोविन्द कुमार पुत्र राजकिशोर का भी चयन हुआ है। उनकी शिक्षा हाईस्कूल राष्ट्रीय इंटर कॉलेज कमालपुर से प्रथम श्रेणी में 2019 में हुई और पॉलिटेक्निक डिप्लोमा इन मैकेनिकल प्रोडक्शन महामाया प्रताप पॉलिटेक्निक गोरखपुर से प्रथम श्रेणी में 2022 में उत्तीर्ण किया था। इसके बाद बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग 2024 में कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एनआईटी में दाखिला लिया और अभी अंतिम वर्ष की पढ़ाई चल ही रही थी कि कैंपस सेलेक्शन के माध्यम से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड में सेलेक्शन हुआ। चंदौली जिले से अकेले गोविंद कुमार का चयन किया गया है।
देखा जाए तो गोविंद की पारिवारिक स्थिति बहुत ही खराब थी। पिता ने गरीबी और मजदूरी करके किसी तरह से बच्चों का पालन पोषण किया। गोविंद के पिता ठेला पर फल बेंचा करते थे और परिवार का खर्च चलाते थे। उसके पिता बिल्कुल सादा एवं सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं। गांव और देहात में रहकर ठेला लगाकर परिवार वालों का खर्च वहन करते थे। अब उनके पिता की मेहनत ने रंग लायी है और इस बच्चे ने अच्छे से मेहनत से पढ़ाई करके कैंपस सलेक्शन पा लिया है। वहीं पर परिवार वालों के साथ-साथ आसपास के लोगों ने भी बधाई दे रहे हैं।
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