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आई टी आई प्रधानाचार्य ने सांसद को भेजा पत्र, छात्रों के लिए की यह मांग

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show उ. प्र. प्राइवेट आई टी आई प्रधानाचार्य अनुदेशक समन्वय समिति के प्रदेश संयोजक सत्येन्द्र कुमार मिश्र ने कौशल विकास मंत्री डॉक्टर महेन्द्र नाथ पाण्डेय को बुधवार को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश के आईटीआई कॉलेज के लाखों छात्र छात्राओं के ऑनलाइन परीक्षा में सर्वर डाउन अथवा डीजीटी नई दिल्ली की लापरवाही के चलते परीक्षा से वंचित होने
 
आई टी आई प्रधानाचार्य ने सांसद को भेजा पत्र, छात्रों के लिए की यह मांग

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उ. प्र. प्राइवेट आई टी आई प्रधानाचार्य अनुदेशक समन्वय समिति के प्रदेश संयोजक सत्येन्द्र कुमार मिश्र ने कौशल विकास मंत्री डॉक्टर महेन्द्र नाथ पाण्डेय को बुधवार को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश के आईटीआई कॉलेज के लाखों छात्र छात्राओं के ऑनलाइन परीक्षा में सर्वर डाउन अथवा डीजीटी नई दिल्ली की लापरवाही के चलते परीक्षा से वंचित होने का आरोप लगाया है।

एडमिट कार्ड अपलोड नही होने से आनलाइन परीक्षा नही हो पा रहा है। संयुक्त निदेशक वाराणसी के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री को भेजा गया है। समन्वय समिति पहले भी आनलाइन परीक्षा का विरोध कर चुकी है। जब तक संचार तंत्र मजबूत नहीं होगा, आनलाइन परीक्षा सकुशल करा पाना मुश्किल है। प्रदेश के आईटीआई संचालको,प्रधानाचार्यो, अनुदेशकों,छात्र छात्राओं मे आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

आई टी आई प्रधानाचार्य ने सांसद को भेजा पत्र, छात्रों के लिए की यह मांग

कोविड महामारी ने ऐसे ही लोगों की कमर तोड़ डाली है। छात्र छात्राए दो जून की रोटी को मोहताज हो गए हैं। माता पिता को पहले ही कोविड से नौकरी गंवानी पड़ी है। छात्रों का सब्र टूट रहा है, सरकार उन्हें आंदोलन करने के लिए मजबूर कर दिया है। सरकार एक तरफ हुनरमंदो को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाने के सपने दिखा रही हैं। केन्द्र तथा प्रदेश सरकार के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं।

हरि ॐ सेवा प्राइवेट आई टी आई जगदीश सराय चन्दौली के प्रधानाचार्य व प्रांतीय संयोजक सत्येन्द्र कुमार मिश्र ने बताया कि सत्र 2018-20 की अंतिम वर्ष की ऑनलाइन परीक्षा 27 जनवरी से शुरू हैं। लेकिन एडमिट कार्ड अपलोड न होने अथवा सर्वर के चलते अभी 5 प्रतिशत बच्चों की भी आनलाइन परीक्षाएं नही कराई जा सकी है। इनके तीन वर्ष होने जा रहे हैं। सत्र 2017-19 की तो बैक सेमेस्टर प्रणाली की परीक्षा ट्रेड थियरी वर्कशॉप कैलकुलेशन एंड साइंस विषय की होनी बाकी है। इनके चार वर्ष होने जा रहे हैं।सत्र 2019-21 बैच की प्रथम वर्ष की ऑनलाइन परीक्षा भी सिस्टम की परवान चढ़ चुकी है। इनका भी शुरुवाती दौर में चल रहा है।

कौशल विकास मंत्रालय इसके लिए गंभीर नही है। नेटवर्क के अभाव व सीमित कम्प्यूटर के चलते अनवरत आनलाइन परीक्षा ही होती रहेगी तो आईटीआई संस्थान में पढ़ाई का कार्य बाधित हो जाएगा। कोविड महामारी में छात्र छात्राओं के समक्ष रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं। आखिर सरकार क्यों इनके भविष्य को लेकर चिंतित नहीं हैं?

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