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चंदौली के पंडित जयप्रकाश त्रिपाठी को मिला बड़ा गौरव, मंदिर के शिलान्यास के मुख्य पुजारी

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के एक कर्मकांडी ब्राह्मण को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण भूमि पूजन का सौभाग्य मिला है। जनपद के सहजौर गांव के गुरुजी पंडित जयप्रकाश त्रिपाठी ही पूजाकार्य के मुख्य आचार्य रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूजन के लिए मंत्रोच्चारण किया। उन्होंने जनपद का मान बढ़ाया है। गुरुजी के गांव में इसको लेकर
 
चंदौली के पंडित जयप्रकाश त्रिपाठी को मिला बड़ा गौरव, मंदिर के शिलान्यास के मुख्य पुजारी

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चंदौली जिले के एक कर्मकांडी ब्राह्मण को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण भूमि पूजन का सौभाग्य मिला है। जनपद के सहजौर गांव के गुरुजी पंडित जयप्रकाश त्रिपाठी ही पूजाकार्य के मुख्य आचार्य रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूजन के लिए मंत्रोच्चारण किया। उन्होंने जनपद का मान बढ़ाया है। गुरुजी के गांव में इसको लेकर एक अलग तरह की खुशी दिखी। लोगों में उत्साह देखा गया। शाम को पीएम के साथ बैठकर पूजन करते हुए उनके पोस्ट को साझा किया तो लाइक व कमेंट करने वालों की झड़ी लग गई।

वाराणसी से महज कुछ किलोमीटर दूर ही सहजौर गांव है। 20 दिन पहले जब पंडित जयप्रकाश त्रिपाठी को भूमि पूजन में शामिल होने का आमंत्रण मिला तो वे काफी गदगद थे। विश्व हिदू परिषद अयोध्या के जरिए गुरुजी को इसकी जानकारी दी गई। यह बात जब लोगों को पता चली तो गांव के साथ साथ बाहर के लोगों ने शुभकामना देना शुरू कर दिया था।

 

चंदौली के पंडित जयप्रकाश त्रिपाठी को मिला बड़ा गौरव, मंदिर के शिलान्यास के मुख्य पुजारी

इसका मुख्य उद्देश्य यह रहा कि कई युद्ध के बाद लंबे समय से चले आ रहे मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया। दो अगस्त को पंडित जयप्रकाश त्रिपाठी अयोध्या के लिए रवाना हुए। राममंदिर निर्माण भूमि पूजन में शामिल होना एतिहासिक पहल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूजन करने का मौका मिलने पर भी गुरुजी के चेहरे पर खुशी ला दे रही थी। बुधवार को जब पूजन शुरू हुआ तो गांव का हर व्यक्ति टीवी से चिपक गया

उनके बड़े भाई रमेश तिवारी ने बताया कि गुजरात के भुज में लगभग सात साल पहले महायज्ञ का आयोजन हुआ था। इसमें छह हजार ब्राह्मणों ने हिस्सा लिया था। इन ब्राह्मणों का नेतृत्व भी पंडित जयप्रकाश त्रिपाठी ने किया था।

वेद के लिए 23 साल पहले उन्हें राज्यपाल पुरस्कार से नवाजा भी जा चुका है। घातक फिल्म में भी बाबा विश्वनाथ का पूजन कराते हुए एक मिनट का सीन है। उनके बड़े बेटे मनीष त्रिपाठी बीटेक करने के बाद गुड़गांव में तैनात हैं। छोटा बेटा उत्कर्ष है। उनके बड़े भाई रमेश तिवारी गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत्त हैं। बीच के भाई डा. अवधेश त्रिपाठी की नगर के काली महाल में मेडिकल की दुकान है।

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